भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार व्यापमं का जिन्न बाहर निकल आया है। प्राथमिक शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा और पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर व्यापमं जिसका नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया गया था एक बार फिर विवादों में घिर गया है। हाल में ही व्यापम की ओर आयोजित दो बड़ी परीक्षाएं पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा और मध्यप्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा (वर्ग-3) अलग-अलग वजहों से सवालों के घेरे में आ गई है। दोनों ही परीक्षाओं में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए परीक्षार्थी अब सड़क पर उतर आए है।
पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा विवादों में- पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थी सोमवार को राजधानी में सड़क पर उतर आए और भोपाल में पीईबी (व्यापम) दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों ने रिजल्ट में हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ज्यादा नंबर लाने के बाद उनको नॉट क्वालीफाइड बता दिया गया जबकि उसकी कैटेगरी में कम नंबर वालों को क्वालीफाइड बता दिया गया है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में इन दिनों 6 हजार पदों पर पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा चल रही है जिसमें लिखित परीक्षा के रिजल्ट पर परीक्षा में शामिल स्टूडेंट्स ने सवाल उठाने शुरु कर दिए है।
प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा पर भी सवाल- वहीं दूसरी ओर प्राथमिक शिक्षक भर्ती वर्ग-3 की परीक्षा भी विवादों में घिर गई है। परीक्षा के पेपर का स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद परीक्षा पर सवाल उठ रहा है। दरअसल एमपी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने प्राथमिक शिक्षक पात्रता (वर्ग-3) का परीक्षा आयोजित की थी जिसमें प्रदेश भर से करीब करीब नौ लाख 37 हजार उम्मीदवार शामिल हुए थे। पिछले दिनों 25 मार्च का एक प्रशनपत्र का कम्प्यूटर स्क्रीन का स्क्रीन शाट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसको लेकर पूरी परीक्षा विवादों में आ गई है।
फिर कठघरे में व्यापमं-इसे पूरे मामले व्यापमं फिर विवादों में आ गया है और उसकी कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठने लगे है। ऑनलाइन परीक्षा का ठेका बंगलुरु की एजुक्विटी कैरियर टेक्नोलॉजी को दिया गया था ऐसे में पेपर के स्क्रीन शॉट वायरल होने पर विवाद हो गया है। सवाल इस बात को लेकर है कि परीक्षा केंन्द्रों पर मोबाइल ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित था और परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगे हुए थे तब पेपर के स्क्रीन शॉट कैसे सोशल मीडिया पर वायरल हुए।
ऐसे में परीक्षा का आयोजन कराने वाली कंपनी विवादों में आ गई है और आरोप है कि कंपनी के कर्मचारियों द्वारा पेपर लिक किया गया है। वही पीईबी के चेयरमैन आइसीपी केशरी ने कहा कि पूरे मामले की पूर्ण जांच की जा रही है।
व्यापमं को फिर मुद्दा बनाने की तैयारी में कांग्रेस-वहीं व्यापमं को लेकर कांग्रेस शिवराज सरकार पर फिर हमलावर हो गई है। प्राथमिक शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा के पेपर लीक करने के मामले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ओएसडी का नाम आने के बाद कांग्रेस के नेता इस मुद्दे को भुनाने में जुट गए है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार व्यापम पार्ट 2 घोटाले की ओर बढ़ रही है। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी पर गंभीर सवाल उठाए। अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। चोरी और सीनाजोरी करते हुए श्री मिश्रा के खिलाफ उल्टी रिपोर्ट कर दी गई। मुख्यमंत्री को तत्काल श्री मिश्रा के ऊपर लगाए गए झूठे मामले वापस लेने चाहिए और दोषी अधिकारी को निलंबित कर मामले की पूरी जांच करानी चाहिए। आपने व्यापम का नाम बदल दिया है लेकिन उसमें घोटाले का काम अभी जारी है। आप मध्य प्रदेश को घोटाला मुक्त प्रदेश कब बनाएंगे”?
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का आरोप है कि कि शिक्षक परीक्षा वर्ग-3 जो ऑनलाइन परीक्षा थी, मोबाइल पूर्णतः वर्जित थे तो 35 पेज का प्रश्नपत्र व आंसरशीट CM के OSD के मोबाइल में कैसे पहुंची? इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री सचिवालय में उपसचिव लक्ष्मण सिंह पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा और व्हिसिल ब्लोअर आनंद राय के खिलाफ भोपाल में अजाक थाने में एफआईआर की गई है।
बैकफुट पर शिवराज सरकार- वहीं सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने FIR से जुड़े सवाल पर कहा कि कूटरचित स्क्रीनशॉट के जरिए मुख्यमंत्री के जनजाति वर्ग से आने वाले योग्य और ईमानदार ओएसडी पर कीचड़ उछालने का जो षड़यंत्र किया गया है, उस पर FIR की गई है। कांग्रेस के नेताओं ने पहले भी झूठ के सहारे कीचड़ उछालने का काम किया है लेकिन उनको हर बार मुंह की ही खानी पड़ी है।