खंडवा। एक दिल दहला देने वाले घटनाक्रम में नवजात बच्ची के हाथ और पैर में छह अंगुलियां होने के कारण मां ने हंसिये से अंगुलियां काटने के कारण हुए संक्रमण से बच्ची की मौत हो गई। पुलिस बच्ची का शव कब्र से बाहर निकलवाकर उसका पोस्टमार्टम करवा रही है और रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी।
खालवा पुलिस थाने की प्रभारी निरीक्षक हीना डाबर ने बताया कि 22 दिसंबर को वनग्राम सुन्दरदेव में एक आदिवासी महिला तारादेवी को घर में लड़की का जन्म हुआ था। बच्ची के हाथ-पैर में छह-छह अंगुलियां थीं। प्रसूता महिला ने जन्म के बाद ही हंसिये से बच्ची की अतिरिक्त अंगुलियां काट दी और जख्म पर गोबर का लेप लगाकर पलाश के पत्ते से लपेट दिया। इससे संक्रमण होने से कुछ घंटों के बाद ही बच्ची ने दम तोड़ दिया। बाद में परिजनों ने बच्ची का शव जमीन में दफना दिया।
डाबर ने बताया कि बच्ची की मां ताराबाई को इस पर पछतावा है लेकिन उसने अंधविश्वास के चलते ऐसा किया है। ताराबाई ने कहा कि अंध विश्वास के चलते मैं करती भी क्या? मेरी लड़की के हाथ- पैर में छह-छह अंगुलियां देखकर लोग तरह तरह की बातें करते। मेरे बच्चों की शादी भी नहीं हो पाती।
पुलिस अधीक्षक रूचिवर्धन मिश्र ने बताया कि बच्ची की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए शव को निकलवाकर उसका पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, ब्लाक चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ शैलेन्द्र कटारिया ने कहा कि बच्ची का जन्म अस्पताल में न होकर घर में होने के चलते इस क्षेत्र के जिम्मेदार चिकित्सा कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। (भाषा)