ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में यातायात पुलिस की महिला उपनिरीक्षक सोनम पाराशर ने समय पर एक बुजुर्ग को CPR देकर उनकी जान बचाई और समय पर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। महिला पुलिस कर्मी का सीपीआर देने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
यह घटना सोमवार सुबह ग्वालियर के गोले के मंदिर चौराहे पर उस वक्त हुई जब सोनम यातायात के प्रबंधन के लिए वहां ड्यूटी पर तैनात थी।
वहीं, सीपीआर देने वाली महिला पुलिस कर्मी सोनम ने बताया कि सीपीआर देना उन्हें प्रशिक्षण के समय सिखाया गया था और जैसे ही उन्होंने बुजुर्ग की स्थिति देखी, वैसे ही वह समझ गई कि उन्हें हल्का दिल का दौरा पड़ा है। इसके लिए सीपीआर देना जरूरी है। सीपीआर से बुजुर्ग ने आंखें खोली और उन्होंने तुरंत पुलिस वाहन से उन्हें अस्पताल पहुंचाया। बुजुर्ग की जेब में रखे मोबाइल फोन से उनके परिवार को घटना की सूचना दी गई।
सोनम ने कहा कि बुजुर्ग सज्जन अनिल उपाध्याय बिजली कंपनी से सेवानिवृत्त हुए हैं और गोला का मंदिर इलाके में ही रहते हैं। मेरे प्रयासों से एक व्यक्ति की जान बच गई और मैंने अपनी ड्यूटी की है और इस प्रकार का काम हर व्यक्ति को करना चाहिए जिससे जान बचायी जा सके।
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'दतिया की बेटी और ग्वालियर पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात सोनम पाराशर ने राह चलते बुजुर्ग अनिल उपाध्याय जी को समय पर सीपीआर देकर उनकी जान बचाकर सराहनीय और प्रेरणादायक कार्य किया है। आज वीडियो कॉल पर बात कर बेटी सोनम की हौसला अफजाई करने के साथ बधाई दी।'
क्या है CPR : सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन) एक आपात चिकित्सा तकनीक है जिसके जरिए किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन रुक जाने पर उसकी जान बचाई जा सकती है। यह CPR अचानक से ह्दय गति रूक जाने पर पुनः प्रारंभ करने की प्रक्रिया होती है। जिससे ऑक्सीजन लेवल फेफड़ों में जाकर हमारी ह्दय गति को पुनः सामन्य करके प्रारंभ कर सकें। सीपीआर ट्रेनिंग कई गंभीर स्थितियों में दिया जा सकता है। हार्ट अटैक आने पर, हाइपोवॉल्मिक शॉक होने पर, बेहोश होने पर,बिजली का झटका लगने पर कमजोर दिल वाले व्यक्ति को बचाया जा सकता है।
Edited by : Nrapendra Gupta