इंदौर। साहित्य जगत के लिए यह एक महत्वपूर्ण और सम्मान की बात है कि जयपुर से प्रकाशित होने वाली प्रतिष्ठित त्रैमासिक पत्रिका 'साहित्य समर्था' ने अपना नवीनतम अंक वरिष्ठ साहित्यकार ज्योति जैन पर केंद्रित किया है। यह पत्रिका साहित्यिक उत्कृष्टता और समालोचना के लिए जानी जाती है, जिसकी संपादिका नीलिमा टिक्कू हैं।
ज्योति जैन को समर्पित विशेष अंक:
'साहित्य समर्था' की यह परंपरा रही है कि वह हर अंक में हिंदी साहित्य की किसी एक प्रतिष्ठित महिला लेखिका के सम्पूर्ण कृतित्व और व्यक्तित्व को समर्पित करती है। पूर्व में, यह पत्रिका जिन महान लेखिकाओं पर अंक केंद्रित कर चुकी है, उनमें चित्रा मुद्गल, मन्नू भंडारी, मालती जोशी, मृदुला गर्ग, कृष्णा सोबती, उषा किरण खान, नासिरा शर्मा, मेहरुन्निसा परवेज, सूर्यबाला, चंद्रकांता और प्रभा खेतान जैसी दिग्गज लेखिकाएँ शामिल हैं। इस सूची में अब ज्योति जैन का नाम जुड़ना उनके साहित्यिक योगदान की महत्ता को दर्शाता है।
अंक की सामग्री का स्वरूप:
पत्रिका का अंक: पत्रिका का यह विशेष अंक, जो लगभग 80 पृष्ठों का है, उसमें से 35 पृष्ठों की सामग्री पूरी तरह से ज्योति जैन के लेखन और जीवन पर आधारित है। अंक की सामग्री का ढाँचा अत्यंत समृद्ध और विश्लेषणात्मक है, जिसमें शामिल हैं:
विस्तृत परिचय: आरंभिक पृष्ठों पर लेखिका का विस्तृत परिचय दिया गया है।
लेखन विधाओं पर जानकारी: ज्योति जैन के विभिन्न साहित्यिक विधाओं (जैसे कहानी, उपन्यास, कविता आदि) में किए गए लेखन का विश्लेषण।
पुस्तकों का विवरण: उनकी प्रकाशित पुस्तकों और महत्वपूर्ण कृतियों के बारे में जानकारी।
आत्मकथ्य: लेखिका की स्वयं की साहित्य यात्रा को दर्शाने वाला एक आत्मकथ्य।
विशेष साक्षात्कार: ज्योति जैन के साथ एक विस्तृत इंटरव्यू।
वरिष्ठ साहित्यकारों की टिप्पणियाँ: लेखिका के बारे में विभिन्न वरिष्ठ साहित्यकारों के समालोचनात्मक विचार और टिप्पणियाँ।
साहित्यकारों के विचार और ज्योति जैन की प्रतिक्रिया:
इस अंक में ज्योति जैन के लेखन और व्यक्तित्व पर अपने विचार व्यक्त करने वाले साहित्यकारों में चित्रा मुद्गल, अशोक चक्रधर, सूर्यबालाजी और सूर्यकांत नागर जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं।
इस सम्मान पर अपनी भावना व्यक्त करते हुए ज्योति जैन ने कहा है कि, "यह मेरे लिए न केवल गर्व की, बल्कि एक बड़े सम्मान की बात है कि 'साहित्य समर्था' जैसी प्रतिष्ठित पत्रिका ने मेरे कृतित्व को इतना महत्व दिया है।"
यह विशेष अंक हिंदी साहित्य के पाठकों और शोधार्थियों के लिए ज्योति जैन के साहित्य को समझने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगा। साहित्यकार ज्योति जैन का लेखन विभिन्न विधाओं में फैला हुआ है और वह हिंदी साहित्य में एक सक्रिय और संवेदनशील हस्ताक्षर हैं। उनका साहित्य गहरे जीवनानुभवों और संवेदनाओं पर आधारित माना जाता है, जिसमें सामाजिक सरोकार प्रमुखता से उभरते हैं।
साहित्यकार ज्योति जैन ने अब तक लघुकथा संग्रह, कहानी संग्रह, काव्य संग्रह, यात्रा संस्मरण और उपन्यास सहित कुल 11 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन किया है। उनकी रचनाओं की एक बड़ी ताकत उनकी सांकेतिकता और समाज के सोए हुए लोगों को जगाने की उनकी वृत्ति है।