भारत सरकार ने छठ महापर्व को यूनेस्को की Intangible Cultural Heritage of Humanity की प्रतिनिधि सूची में शामिल करने के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया में समुदायों की सहमति, सुदृढ़ दस्तावेज़ीकरण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है। संस्कृति मंत्रालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के सहयोग से संगीत नाटक अकादमी आधिकारिक डोज़ियर तैयार कर रही है। संगीत नाटक अकादमी के इस महत्वपूर्ण पहल के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भोजपुरी साहित्यकार मनोज भावुक को भी शामिल किया गया है।
भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सूरीनाम और नीदरलैंड जैसे देशों के राजनयिकों से संवाद किया है, जहां भारतीय प्रवासी समुदाय इस पर्व को बड़े पैमाने पर मनाता है। इसके अलावा मॉरीशस और फ़िजी में भारतीय दूतावास भी इस प्रयास को समर्थन दे रहे हैं यह बहुराष्ट्रीय दृष्टिकोण इस पर्व के वैश्विक स्वरूप को दर्शाते हुए नामांकन को मज़बूत करता है।
भारत की पहले से ही 15 सांस्कृतिक धरोहरें यूनेस्को की सूची में शामिल हैं, जिनमें वैदिक चैंटिंग, कुटियट्टम, रामलीला, छाऊ नृत्य, योग, कुंभ मेला और कोलकाता की दुर्गा पूजा शामिल हैं। भोजपुरी भाषा के लिए मनोज भावुक ने देश-विदेश की यात्रा की है, गिरमिटिया देशों में भी गए हैं। भारत सरकार के छठ से जुड़ी इस समिति का हिस्सा बनने पर उन्होंने खुशी ज़ाहिर की है।