उद्‍भावना

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जन भावनाओं का साझा मंच (साम्राज्यवादी भूमंडलीकरण के विरोध में)

संपादक
अजेय कुमार

कार्यालय
ए-21, झिलमिल इंडस्ट्रियल एरिया,
जीटी रोड, शाहदरा, दिल्ली - 95
फोन- 22582847, 22119770

आलेख
भूमंडलीकरण और संस्कृति - एजाज अहमद
सामाजिक कार्यकर्ताओ ं के लिए कुछ जरूरी नोट्‍स
भूमंडलीकरण के संदर्भ में भारतीय साहित्य मे राष्ट्रीयता - रविभूषण
अश्वमेध के घोड़े को रोक ना होगा - सुरेश पंडित
सांस्कृतिक आत्मविसर्जन या बेचैनी - शंभूनाथ

अभिभाषण
साम्राज्यवादी वैश्वीकरण- फिदेल कास्त्रो

कहानियाँ
कॉर्पोरेट स्मेल - मधुसूदन आनंद
विकास का अंधेरा - राम किशोर
अवश - अकील कैस

साक्षात्कार
हमारे मजदूरों और उद्‍योगों पर वैश्‍वीकरण का बहुत बुरा असर पड़ा है - डॉ. पंधे - अजेय कुमार

नुक्कड़ नाटक
नहीं कुबूल - बृजेश शर्मा

कविताएँ
सुंदरचंद ठाकुर, संजय चतुर्वेदी, पंकज राग, हरि मृदुल, केवल गोस्वामी, प्रदीप कासनी, रमणिका गुप्ता, कुबेर दत्त, अनामिका, कुँवर नारायण, आलोक धन्वा, लीलाधर जगूड़ी, विनय दुबे, अनीता वर्मा, मंगलेश डबराल, निरंजन श्रोत्रिय, निर्मला गर्ग, दिनेश कुमार शुक्ल, विष्णु खरे, ओमसिंह अशफाक, सिनान अंतून।

फिल्म समीक्षा
परजानिया - विष्‍णु खरे

श्रद्धांजलि
ओ पी नय्यर - शशांक दुबे

पुस्तक समीक्षा
तुलसीदास : डौ. राजेकुमार शर्मा
अंधेरे समय में विचार : धर्मेंद्र सुशांत
रोशनी खतरे में है : शिवकुमार पराग
रात पाली : अच्युतानंद मिश्र
मुक्ति पथ : मनोज कुमार

साहित्यिक गति‍विधियाँ
डॉ. ग्रेवाल स्मृति व्याख्यान, सज्जाद जहीर पर जलेस की गोष्ठी, द्वितीय जिला सम्मेलन, प्रलेस सुपौल

पुस्तक समीक्षा- तुलसीदास : डाँ. राजकुमार शर्मा
अंधेरे समय में विचार : धर्मेंद्र सुशांत

मूल्य- 25/- रु.

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