माघी पूर्णिमा शुभ मुहूर्त : 9 फरवरी को शुभ दिन, देवता आएंगे रूप बदल कर गंगा स्नान के लिए

Webdunia
magh purnima 2020


माघ पूर्णिमा पर स्वयं भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। माघ मास की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 27 नक्षत्रों में एक मघा से माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति हुई है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक माघ पूर्णिमा पर खुद भगवान विष्णु गंगाजल में वास करते हैं। इसलिए इस दिन गंगा स्नान का खास महत्व है। 
 
इस बार माघ पूर्णिमा 9 फरवरी को है। प्रयागराज में एक महीने तक चलने वाला कल्पवास का समापन भी माघ पूर्णिमा के दिन ही होता है।
 
क्या करें
 
 माघ पूर्णिमा पर सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। विष्णु की पूजा के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें। इसके बाद जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, कंबल, तिल, गुड़, घी, फल और अन्न आदि दान करें। इस दिन सोने और चांदी का भी दान शुभ माना गया है। इसके अलावा इस दिन गौ (गाय) दान करने से विशेष लाभ मिलता है। माघ पूर्णिमा पर व्रत रखना शुभ फलदायक माना गया है। अगर संभव ना हो तो एक संध्या फलाहार किया जा सकता है। व्रत के दौरान किसी पर गुस्सा करना शुभ नहीं माना गया है। इसके अलावा घरेलू कलह से भी बचना चाहिए। इस तरह माघ पूर्णिमा के व्रत को संयम से रखा जाए तो पुण्य फल प्राप्त होता है।
 
माघ पूर्णिमा का क्या है महत्त्व?
 
माघ पूर्णिमा के महत्त्व का उल्लेख पौराणिक ग्रन्थों में मिलता है। जिसके मुताबिक इस दिन देवता अपना रूप बदलकर गंगा स्नान के लिए प्रयागराज आते हैं। जो श्रद्धालु प्रयागराज में एक महीने तक कल्पवास करते हैं उसका समापन माघ पूर्णिमा के दिन ही होता है। कल्पवास करने वाले सभी श्रद्धालु माघ पूर्णिमा पर गंगा माता की पूजा-अर्चना कर साधू, संतों और ब्राह्मणों को आदर से भोजन कराते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से शरीर के रोग नष्ट होते हैं।
 
गंगा स्नान के बाद क्या करें? 
 
माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पण कर प्रणाम करें। ‘ॐ घृणिं सूर्याय नमः’ इस मंत्र का कम से कम 108 बार विधिवत जाप करें। इसके बाद माघ पूर्णिमा व्रत का संकल्प लेकर काले तिल से पितरों का तर्पण और हवन करें। व्रत के दौरान झूठ बोलने से बचें।
 
माघ पूर्णिमा 2020 मुहूर्त-
 
फरवरी 8, 2020 को 16:03:05 से पूर्णिमा आरंभ
फरवरी 9, 2020 को 13:04:09 पर पूर्णिमा समाप्त
 
 
माघ पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि-
 
माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और जप किया जाता है। धर्म के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करके गरीब व्यक्तियों को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। 
 
-माघ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व उठकर सहसे पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें। 
 
-स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेते हुए भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।
 
-इसके बाद गरीब व्यक्तियों और ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद दक्षिणा दें। 
 
-इस व्रत में तिल और काले तिल का विशेष रूप से दान किया जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

सभी देखें

धर्म संसार

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह में आ रही अड़चन, तो आज ही धारण करें ये शुभ रत्न, चट मंगनी पट ब्याह के बनेंगे योग

अगला लेख