मुंबई। महाराष्ट्र में शनिवार सुबह अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने वाले कम से कम 9 राकांपा विधायकों ने शाम में पार्टी में वापसी करते हुए पार्टी प्रमुख शरद पवार के प्रति एकजुटता प्रकट की। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने और राकांपा के अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के समारोह के दौरान ये विधायक राजभवन में मौजूद थे।
शरद पवार द्वारा वाईबी चव्हाण सेंटर में पार्टी की बुलाई गई बैठक में उदगिर के विधायक संजय बनसोडे भी पहुंचे। नाटकीय तौर पर बनसोडे का आगमन हुआ। उनके साथ राकांपा नेता शशिकांत शिंदे और शिवसेना के एकनाथ शिंदे और मिलिंद नरवेकर भी थे।
बनसोडे ने कहा, मैं कहीं नहीं गया था। मैं पवार साहब के साथ हूं। कुछ विधायकों के साथ शरद पवार के भतीजे अजित ने सुबह में भाजपा से हाथ मिला लिया और खुद उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने कहा कि वे स्थाई सरकार के लिए ऐसा कदम उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के रूप में अजित ने शनिवार सुबह शपथ ली।
नासिक जिले के राकांपा विधायकों दिलीप बंकर एवं माणिकराव कोकाटे ने अलग-अलग ट्वीट करके कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के बारे में उन्हें अंधेरे में रखा गया था। दोनों विधायकों ने कहा कि वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ हैं और पार्टी अध्यक्ष के प्रति अपनी एकजुटता दिखाई। इससे पहले 5 राकांपा विधायकों- राजेंद्र सिंगणे (बुलढाणा), संदीप क्षीरसागर (बीड), सुनील शेल्के (मवाल), सुनील भुसारा (विक्रमगड), नरहरि जिरवाल (डिंडोरी) और सुनील टिंगरे (वडगांव शेरी) ने सुबह में शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद वापस पार्टी में लौट आए।
पर्ली से राकांपा विधायक धनंजय मुंडे के बारे में कहा गया था कि वे भी राजभवन में आयोजित समारोह में शामिल थे। हालांकि शरद पवार की ओर से चल रही पार्टी के विधायकों की बैठक में वे शामिल हुए हैं। उन्होंने मीडिया से बात नहीं की। राकांपा प्रमुख शरद पवार और सुप्रिया सुले को टैग करते हुए कोकाटे ने ट्वीट किया, मैं पार्टी के खिलाफ नहीं गया हूं।
अजित दादा पवार ने मुझे कहा, तो मैं राजभवन पहुंचा। चूंकि वे पार्टी विधायक दल के नेता हैं इसलिए मैंने उनके आदेश का पालन किया। सिन्नार विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कोकाटे ने लिखा, वहां क्या होने जा रहा है इसकी मुझे भनक तक नहीं थी। मैं पार्टी के साथ हूं। एक बार निर्णय करने के बाद मैं अपना निर्णय कभी नहीं बदलूंगा।
निफाड के विधायक बंकर के रास्ते पर चलते हुए कहा कि उनका भरोसा पार्टी प्रमुख शरद पवार के नेतृत्व में है। बंकर ने कहा कि उन्हें भी अजित पवार की ओर से राजभवन पहुंचने के लिए कहा गया था और वहां क्या होने वाला है, इसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं थी।
इससे पहले दोपहर में शरद पवार के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिंगणे ने कहा, जब मैं राजभवन पहुंचा, तो मैंने देखा कि 8 से 10 विधायक वहां पहले से मौजूद हैं। हम में से किसी को यह पता नहीं था कि हमें वहां क्यों बुलाया गया है। शपथ ग्रहण समारोह के बाद हम पवार साहब से मिलने गए।
उन्होंने कहा, यह सब इसलिए हुआ क्योंकि कुछ गलतफहमी थी, चूंकि अजित पवार ने हमें बुलाया था। शरद पवार ने इससे पहले कहा था कि अजित पवार राकांपा विधायक दल के नेता हैं और यही कारण है कि उनके पास सभी 54 विधायकों के हस्ताक्षर, नाम एवं विधानसभा क्षेत्रवार सूची मौजूद थी, जो पार्टी के आंतरिक कार्यों के लिए थी।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि उसने वही सूची राज्यपाल को समर्थन पत्र के तौर पर सौंपा है। अगर यह सही है, तो राज्यपाल को गुमराह किया गया है। महाराष्ट्र के 288 सदस्यीय सदन में भाजपा के 105, शिवसेना के 56, राकांपा के 54 तथा कांग्रेस के 44 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 145 है।