विधायक चाहते हैं उद्धव ठाकरे बनें महाराष्ट्र के मुख्‍यमंत्री

Webdunia
शुक्रवार, 22 नवंबर 2019 (16:48 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के विधायकों से यहां मुलाकात की और उनसे कहा कि राज्य में उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार बनने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

शिवसेना विधायक भास्कर जाधव ने बताया कि ठाकरे ने सरकार गठन की प्रक्रिया और दिल्ली में कांग्रेस-राकांपा नेताओं के बीच बैठकों के बारे में विधायकों को अवगत कराने के लिए उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उद्धव ने हमसे मुलाकात की और कहा कि शिवसेना नीत सरकार गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

जाधव ने कहा कि विधायकों ने राज्य में नई सरकार के गठन के लिए कांग्रेस और राकांपा के साथ गठजोड़ करने की पार्टी की कोशिशों से पूरी सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि विधायक चाहते हैं कि ठाकरे मुख्यमंत्री बनें, लेकिन अंतिम फैसला उन्हीं को लेना है और यह हम सब पर बाध्यकारी होगा।

जाधव के मुताबिक ठाकरे ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है कि भाजपा उनसे संपर्क में है और शिवसेना को मुख्यमंत्री पद की पेशकश की है। उन्होंने शिवसेना प्रमुख को उद्धृत करते हुए कहा कि आज (शुक्रवार) तक, मुझे भाजपा नेतृत्व से कोई फोन कॉल नहीं आया है। यह कुछ और नहीं बल्कि शिवसेना की छवि धूमिल करने की एक साजिश है। ठाकरे ने विधायकों को मुंबई में एक साथ रहने को कहा है क्योंकि किसी भी वक्त उनकी जरूरत पड़ सकती है।

शिवसेना के विधायक प्रकाश सुर्वे ने कहा कि दो-तीन दिनों में सरकार का गठन हो जाएगा और अगले मुख्यमंत्री शिवसेना से होंगे। उन्होंने कहा कि उद्धवजी किसानों की दशा को लेकर चिंतित हैं।

शिवसेना के विधायक सुनील प्रभु ने कहा कि पार्टी के सभी विधायकों को एक साथ रहने को कहा गया है जबकि एक अन्य विधायक उदय सामंत ने कहा कि शिवसेना विधायकों को कोई भी (राजनीतिक दल) अपने पाले में नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के चलते हम मुंबई में एकसाथ हैं।

शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक ने कहा कि राज्य में जल्द ही शिवसेना के मुख्यमंत्री वाली सरकार होगी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि उद्धवजी मुख्यमंत्री बनें और हमने उनके समक्ष अपनी मांगें रखी है।

गौरतलब है कि राज्य में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव हुआ था। चुनाव परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किए गए थे। जब किसी पार्टी या चुनाव पूर्व बनाए गए गठबंधन ने सरकार गठन के लिए दावा पेश नहीं किया, तो 12 नवंबर को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।

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