Nana Patole suspended from the assembly for the whole day: महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायक नाना पटोले (Nana Patole) को विधानसभा अध्यक्ष की आसंदी पर चढ़ने को लेकर मंगलवार को विधानसभा (assembly) से दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया है। पटोले भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक बबनराव लोनीकर और कृषिमंत्री माणिकराव कोकाटे (Manikrao Kokate) पर किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष की आसंदी पर चढ़ गए थे।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पटोले के खिलाफ कार्रवाई के बाद कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया और पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही के बहिष्कार की घोषणा की। बाद में पटोले ने कहा कि वह किसानों से संबंधित मुद्दों को उठाने से पीछे नहीं हटेंगे, भले ही इसके लिए उन्हें हर दिन सदन से निलंबन का सामना करना पड़े।
कोकाटे पर किसानों का अपमान करने का आरोप : कोकाटे ने दावा किया था कि किसानों ने कर्ज माफी के पैसे शादियों पर खर्च कर दिए। राज्य के कृषिमंत्री ने कहा कि एक रुपया तो भिखारी भी नहीं लेता, लेकिन सरकार उतनी राशि में फसल बीमा दे रही है जिसका कुछ लोग दुरुपयोग कर रहे हैं। प्रश्नकाल के तुरंत बाद पटोले ने लोनीकर और कोकाटे पर किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया और दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वह विधानसभा अध्यक्ष की आसंदी तक पहुंच गए और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से बहस करते देखे गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
फडणवीस ने पटोले की आलोचना की : सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पटोले की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस नेता विधानसभा अध्यक्ष की ओर आक्रामक तरीके से बढ़े थे, जो सही नहीं है और उनसे ऐसी उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि पटोले को माफी मांगनी चाहिए। हालांकि, पटोले फिर से विधानसभा अध्यक्ष की आसंदी पर चढ़ गए तथा लोनीकर और कोकाटे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने घोषणा की कि वह पटोले को पूरे दिन के लिए सदन से निलंबित कर रहे हैं।
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1 जुलाई को किसान दिवस के रूप में मनाते हुए पटोले ने बाद में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर निशाना साधा और उस पर किसानों की उपेक्षा और अनादर करने का आरोप लगाया। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के पूर्व प्रमुख ने विधान भवन परिसर में सदन के बाहर कहा कि मैं सदन में किसानों के मुद्दे रोजाना उठाता रहूंगा, भले ही मुझे हर रोज निलंबित कर दिया जाए। बेमौसम बारिश, कर्जमाफी, फसल बीमा और किसान बोनस असली चिंताएं हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने वादे तो किए लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया।
पटोले ने कहा कि जब तक किसानों के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए भाजपा विधायक बबनराव लोनीकर और कृषिमंत्री माणिकराव कोकाटे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती और जब तक मुख्यमंत्री फडणवीस किसानों से माफी नहीं मांगते, तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे। भाजपा सरकार ने किसानों के लिए बोनस की घोषणा की, लेकिन उसका भुगतान कभी नहीं किया। उन्होंने फसल बीमा योजना भी बंद कर दी है। पटोले ने आरोप लगाया कि किसानों का समर्थन करने के बजाय सत्तारूढ़ पार्टी के नेता उनका अपमान कर रहे हैं।
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उन्होंने पूछा कि लोनीकर ने कहा कि किसान हमारे पैसे पर जीते हैं, क्या यह उन लोगों का अपमान नहीं है जो हमें खाना खिलाते हैं? पटोले ने कहा कि मैंने इस विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में काम किया है। मैं नियमों और प्रक्रियाओं को समझता हूं। मुझे यह बताने के लिए देवेंद्र फडणवीस से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है कि मैं अध्यक्ष का सम्मान करता हूं या नहीं।
कांग्रेस और एमवीए ने बहिर्गमन किया : कांग्रेस और महा विकास आघाडी (एमवीए) के अन्य घटक दलों के सदस्यों ने सदन की पूरे दिन की कार्यवाही का बहिष्कार करने की घोषणा करते हुए विधानसभा से बहिर्गमन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष विपक्ष को किसानों के मुद्दों पर बोलने नहीं देता और ऐसा करने की कोशिश करने वालों को दंडित करता है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) (राकांपा-एसपी) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने पटोले का बचाव करते हुए दावा किया कि कांग्रेस नेता विधानसभा अध्यक्ष के आसन के करीब भी नहीं थे। उन्होंने कहा कि जो लोग अब सत्ता में हैं, वे विपक्ष में रहते हुए सदन में अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच जाते थे। मैंने उन्हें विभिन्न मुद्दों पर विधानसभा अध्यक्ष को घेरते देखा है। आज, जब हम वास्तविक चिंताएं उठाते हैं, तो हमें निलंबित कर दिया जाता है।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने प्रस्तावित नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के खिलाफ 12 जिलों में जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन की ओर इशारा किया। उन्होंने दावा किया कि जब किसान सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, तो राज्य के कृषिमंत्री उनके खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं और भाजपा विधायक लोनीकर पक्षपात की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकार की चुप्पी इन बयानों के प्रति उसके समर्थन को दर्शाती है। वडेट्टीवार ने कहा कि किसानों के लिए संघर्ष जारी रहेगा। भले ही वे हमें जेल भेज दें, हम किसानों के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta