02 अक्टूबर को गांधी जयंती, स्वच्छ भारत अभियान और विश्व अहिंसा दिवस

WD Feature Desk
मंगलवार, 1 अक्टूबर 2024 (15:30 IST)
Highlights 
ALSO READ: Gandhi Jayanti 2024 : गांधी जयंती पर पढ़िए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनमोल विचार
 
Mahatma Gandhi Birth Anniversary : बुधवार को महात्मा गांधी की जयंती है। उन्हें भारत के राष्ट्रपिता तथा बापू के नाम से भी जाना जाता है। गांधीजी यानि मोहनदास करमचंद गांधी का जन्मदिन 02 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। वे भारतीय राजनीतिज्ञ तथा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे। आइए जानते है इस दिन और महात्मा गांधी के बारे में खास जानकारी...
 
स्वच्छ भारत अभियान और विश्व अहिंसा दिवस आज : साथ ही 02 अक्टूबर को गांधी जयंती के साथ-साथ 'विश्व अहिंसा दिवस' तथा 'स्वच्छ भारत दिवस कार्यक्रम' के रूप में भी मनाया जाता है। विश्वभर में गांधीजी अपने अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाने जाते हैं, अत: गांधीजी के प्रति वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए ही यह दिवस मनाया जाता है। उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्‍टूबर, 2014 को स्‍वच्‍छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। महात्मा गांधी का जन्मदिन भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश के रूप में भी मनाया जाता है। तथा भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है।

ALSO READ: Gandhi Jayanti 2024 : महात्मा गांधी के 15 प्रसिद्ध स्लोगन और नारे
 
महात्मा गांधी की पूरी कहानी क्या है : गांधीजी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हिन्दू परिवार में हुआ। पिता करमचंद गांधी और मां पुतलीबाई द्वारा उनका नाम मोहनदास रखा गया था, जिससे उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी हुआ। गांधी जी अपने माता-पिता की सेवा, उनकी आज्ञा का पालन, घर के कार्यों में हाथ बंटाना, सैर करना आदि सभी कार्य भी किया करते थे।

उनकी माता अत्यधिक धार्मिक महिला थी, अत: उनका पालन वैष्णव मत को मानने वाले परिवार में हुआ और उन पर जैन धर्म का भी गहरा प्रभाव रहा। यही कारण था कि इसके मुख्य सिद्धांतों जैसे- अहिंसा, आत्मशुद्ध‍ि और शाकाहार को उन्होंने अपने जीवन में उतारा था। गांधी जी ने प्रहृलाद और राजा हरिश्चंद्र को आदर्श के रूप में ग्रहण किया। 
 
शिक्षा के दृष्टिकोण से गांधीजी एक औसत दर्जे के विद्यार्थी रहे, लेकिन समय-समय पर उन्होंने पुरस्कार और छात्रवृत्त‍ियां भी मिलीं। वे अंग्रेजी विषय में काफी होनहार थे, लेकिन भूगोल जैसे विषयों में उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहता था। वहीं अंक गणित में वे मध्यम दर्जे के विद्यार्थी रहे और लिखावट के मामले में भी उन्हें अच्छी टिप्पणियां नहीं मिली। 
 
महात्मा गांधी का विवाह मात्र 13 वर्ष की आयु में ही कर दिया गया था। जब वे स्कूल में पढ़ते थे, तभी पोरबंदर के एक व्यापारी की पुत्री कस्तूरबा माखनजी से उनका विवाह हुआ और मात्र 15 वर्ष की अवस्था में गांधी जी एक पुत्र के पिता बन गए। लेकिन वह पुत्र जीवित न रह सका। इस तरह गांधी जी के कुल चार पुत्र हरिलाल, मनिलाल, रामदास और देवदास हुए।

विवाह के पश्चात और स्कूल का जीवन समाप्त होने पर मुंबई के एक कॉलेज में कुछ दिन पढ़ने के बाद वे लंदन चले गए और उनकी आगे की शिक्षा दीक्षा लंदन में हुई। तीन साल की विदेश शिक्षा के बाद वे बैरिस्टर बने। लंदन में शिक्षा ग्रहण करने के बाद सन् 1914 में गांधी जी भारत लौट आए। देशवासियों ने उनका भव्य स्वागत किया और उन्हें महात्मा पुकारना शुरू कर दिया। 

ALSO READ: gandhi jayanti 2024 speech : गांधी जयंती पर इस स्पीच से करें लोगों को इंप्रेस
 
गांधी जी का सत्याग्रह आंदोलन : उन्होंने अगले 4 वर्ष भारतीय स्थिति का अध्ययन करने तथा उन लोगों को तैयार करने में बिताए जो सत्याग्रह के द्वारा भारत में प्रचलित सामाजिक व राजनीतिक बुराइयों को हटाने में उनका साथ दे सकें। महात्मा गांधी के पूर्व भी शांति और अहिंसा की के बारे में लोग जानते थे, परंतु उन्होंने जिस प्रकार सत्याग्रह, शांति व अहिंसा के रास्तों पर चलते हुए अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया, उसका कोई दूसरा उदाहरण विश्व इतिहास में देखने को नहीं मिलता।

उनकी यह यात्रा अहिंसा आंदोलन से लेकर उनके राष्ट्रपिता बनने तक, और उनके जीवनपर्यंत चलती रही। फरवरी 1919 में अंग्रेजों के बनाए रॉलेट एक्ट कानून पर, जिसके तहत किसी भी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए जेल भेजने का प्रावधान था, उन्होंने अंग्रेजों का विरोध किया। 
 
फिर गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन की घोषणा कर दी। इसके परिणामस्वरूप एक ऐसा राजनीतिक भूचाल आया, जिसने 1919 के बसंत में समूचे उपमहाद्वीप को झकझोर दिया। इस सफलता से प्रेरणा लेकर महात्‍मा गांधी ने भारतीय स्‍वतंत्रता के लिए किए जाने वाले अन्‍य अभियानों में सत्‍याग्रह और अहिंसा के विरोध जारी रखे, जैसे कि 'असहयोग आंदोलन', 'नागरिक अवज्ञा आंदोलन', 'दांडी यात्रा' तथा 'भारत छोड़ो आंदोलन'।

गांधी जी के इन सारे प्रयासों से भारत को 15 अगस्‍त 1947 को स्‍वतंत्रता मिल गई। ऐसे महान व्यक्ति को यानि महात्मा गांधी को दिल्ली के बिड़ला भवन में नाथूराम गोडसे द्वारा 30 जनवरी, 1948 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: 02 अक्टूबर गांधी जयंती पर विशेष : वर्तमान संदर्भ, युवा एवं गांधी दर्शन

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

अब अंतरिक्ष में भी लड़ने को तैयार चीन, अदृश्य रहकर शत्रु पर करेगा हमला

दलित छात्र का सपना होगा पूरा, SC ने मजदूर के बेटे को दिलाया IIT में दाखिला, कहा- पैसे की तंगी से बर्बाद न हो यंग टैलेंट

rule change from 1 october : 1 अक्टूबर से Aadhar, LPG, PPF के नियमों में बड़ा बदलाव, आपकी जेब पर क्या होगा असर

POK पर एस जयंशकर के बयान से पाकिस्तानी पीएम शहबाज खौफ में, UN में क्‍या कहा विदेशमंत्री ने?

2027 में BJP को सत्ता से बाहर कर देंगे मुस्लिम, SP विधायक महबूब अली का बड़ा बयान

सभी देखें

नवीनतम

iphone 16 देने गए डिलीवर बॉय की बर्बर हत्‍या, वजह जानकर रूह कांप जाएगी, सोचोगे ऐसा क्‍यों किया?

सेबी जल्द ही F&O खंड के लिए कदम उठाएगा, नगर निगम बॉण्ड पर सरकार से क्या है मांग?

02 अक्टूबर गांधी जयंती पर विशेष : वर्तमान संदर्भ, युवा एवं गांधी दर्शन

कितना शुद्ध है रामलला और अयोध्या के मंदिरों में चढ़ने वाला प्रसाद?

गरबा पांडाल में एंट्री से पहले पीना होगा गोमूत्र, इंदौर बीजेपी जिलाध्‍यक्ष चिंटू वर्मा का बेतुका बयान

अगला लेख