पतंगें परिंदों के लिए परेशानी

- अभिषेक चेंडके

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मकर संक्रांति के उत्साह से लबरेज गुजरातवासी मंजे सूत तैयार कर बैठे हैं। मकर संक्रांति आकाश पतंगों से रंगीन हो जाएगा और पतंगें भी इतनी होंगी कि आसमान छोटा पड़ जाएगा। पिछले कई सालों से मकर संक्रांति पर हजारों पक्षी तेज मंजों से कटकर घायल हो रहे हैं।

पिछले दो वर्षों से कई संस्थाएँ आगे आई हैं। पतंगों से बेजुबान परिंदों की जान न जाए इसलिए संस्था के सदस्य घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगेस घायल होने पर परिंदों का उपचार होगा व उनकी देखभाल भी।

सेंट्रल फॉर इकोलॉजिकल एक्शन फ्रंट के ट्रस्टी मनीष वैद्य ने बताया कि घायल परिंदों की जान बचाने के लिए गुजरात के शहरों में सैकड़ों कार्यकर्ता जुटे रहेंगे। उन्हें परिंदों के उपचार की ट्रेनिंग दी गई है। इलाज के लिए अहमदाबाद में 15 व वडोदरा में 13 सेंटर बनाए गए हैं। संस्था ने पिछले साल मकर संक्रांति के दिन 800 से अधिक पक्षियों का उपचार किया था और 500 परिंदों की जान बचाई गई थी।

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अहमदाबाद, सूरत और राजकोट में पंतगोत्सव जारी है। इसमें 24 देशों के 105 पतंगबाज आए हैं। प्रशासन ने भी इस दिन के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की हैं।

सूरज की पूजा के साथ ही उत्सव शुरू हो जाएगा। संक्रांति पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। परिवारों में परंपरानुसार विशेष व्यंजन बनाए जा रहे हैं। पतंगबाजी के साथ इनका भी आनंद लिया जाएगा।

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