महकते व्यंजनों का पर्व

संक्रांति पर तिल-गुड़

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तिल, आटे, गु़ड़-सेव, सूजी और चावल के लड्डुओं की खुशबू से घर महकने लगे हैं। कहीं आटे को भूँजा जा रहा है तो कहीं तिल धोकर सुखाई जा रही है। मकर संक्रांति के नजदीक आते ही लगभग हर घर में लड्डू बनाने की तैयारियाँ प्रारंभ हो गई हैं। हों भी क्यों न, सूर्य संक्रमणकाल के इस पर्व को बहुत ही उत्साह और श्रद्धा से मनाया जाता है।

श्रीमती किरण दुबे मानती हैं कि संक्रांति एक बहुत ब़ड़ा त्योहार है। इस दिन सूर्य मकर रेखा पार करके दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं। हमारे शास्त्रों में सूर्य को शक्ति को द्योतक माना जाता है। इसी वजह से संक्रांति का बहुत महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि संक्रांति पर तिल का दान करने से पुण्य मिलता है। सूर्य संक्रमणकाल में स्नान करने का भी महत्व माना गया है।

बच्चों को पसंद है : मेरे घर में तिल और आटे के लड्डू बच्चों के फेवरेट हैं। इसीलिए हर बार संक्रांति पर हमारे यहाँ लड्डू बनते ही हैं। ये कहना है प्रिया ठाकुर का। प्रिया का मानना है कि मेरे मायके में संक्रांति मनाई जाती थी लेकिन ससुराल में नहीं मनाते। लेकिन बच्चों को लड्डू अच्छे लगते हैं और ठंड में फायदा भी करते हैं इसीलिए मैं संक्रांति पर लड्डू जरूर बनाती हूँ।

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करते हैं तिल का दान : संक्रांति के अवसर पर हमारे मायके इलाहाबाद में तो बड़ा मेला लगता है। श्रीमती माधुरी ने बताया कि वहाँ सुबह से गंगा में स्नान करने के लिए जाते हैं। लेकिन ससुराल में गंगा तो है नहीं इसीलिए सुबह ही हमारा पूरा परिवार शहर के ही पवित्र घाट में जाकर स्नान करता है और तिल का दान करते हैं। एक तरह से संक्रांति नई फसल के आने की खुशी में भी मनाया जाता है। हर जगह और घर की अपनी अलग-अलग परंपराएँ होती हैं। कुछ भी हो पर लड्डू तो बनते ही हैं।

महँगाई का असर : संक्रांति के लड्डुओं पर भी महँ गाई का असर दिखाई दे रहा है। ज्योति गुप्ता का कहना है कि हर बार ज्यादा लड्डू बनाते थे लेकिन इस बार सोच रहे हैं कि थोड़े से ही काम चला लें। तिल के साथ सभी कुछ बहुत महँगा है। पहले तो सोचा था कि बनाएँगे ही नहीं बाजार से तिल के लड्डू खरीदकर पूजा कर लेगें बस हो गया। लेकिन फिर लगता है सालभर का त्योहार है बच्चों के लिए बना ही लेते हैं।

मौसम के अनुरूप लड्डू : संक्रांति के लड्डुओं का ठंड के मौसम को ध्यान रखते हुए विशेष महत्व है। अपने घर में तिल के लड्डू बना रहीं माधुरी शर्मा बताती हैं कि हर बार ऐसा होता है कि संक्रांति के समय ठंड बहुत होती है। तिल और गु़ड़ गर्म होते हैं जो ठंड में स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी होते हैं, जिसके कारण घर के सभी सदस्य बहुत पसंद करते हैं।

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