विभिन्न राज्यों में संक्रांति के रंग

त्योहारों की मिठास के संग

Webdunia
ND

त्योहार अपने साथ खुशियाँ और खान-पान की बहार भी लाते हैं। आज के दिन लोग गजक, मूँगफली, तिल के लड्डू और रेवड़ी बड़े चाव से खाते हैं। अलग-अलग राज्यों में इस दिन कुछ दिलचस्प परंपराएँ भी निभाई जाती हैं।

लोहड़ी के बाद मकर-संक्रांति पर्व है। इसके स्वागत में बाजार और शौकीनों ने पूरी तैयारी कर ली है। जगह-जगह तिल, मूँगफली दाना, गुड़ आदि से तैयार गजक, रेवड़ी और लड्डुओं की दुकानें सज गई हैं।

त्योहार के स्वागत में बच्चे, युवा और बड़े सब मिल-जुलकर पतंगबाजी का आनंद लेने लगे हैं। सुबह-सवेरे लोग पूजा-पाठ के बाद एक-दूसरे को बधाई देने के साथ तिल, मूँगफली और गुड़ या चीनी के साथ तैयार की गई गजक और रेवड़ियाँ भेंट करते हैं। कई परिवारों में इस अवसर पर विशेष पूजा पाठ का आयोजन भी किया जा रहा है।

अलग-अलग राज्यों में इस तरह से मनाया जाता है यह त्योहार।

ND
पश्चिम बंगाल- हुगली नदी पर गंगा सागर मेले का आयोजन किया जाता है।

तमिलनाडु- किसानों के प्रमुख पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है। घी में दाल-चावल की खिचड़ी पकाई और खिलाई जाती है।

आंध्रप्रदेश- संक्रांति के नाम से तीन दिन का पर्व मनाया जाता है।

महाराष्ट्र- गजक और तिल के लड्डू खाने और भेंट करने की परंपरा है। तिल-गुड़ घ्या आनि गोड़-गोड़ बोला कहकर रिश्तों में मिठास घोली जाती है। तिल के आभूषण बनाकर नई दुल्हन को पहनाए जाते हैं।

अस म- इस पर्व को भोगली बिहू के नाम से मनाया जाता है।

उत्तरप्रदेश- मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व कहा जाता है। सूर्य की पूजा की जाती है। चावल और दाल की खिचड़ी खाई और दान की जाती है।

पंजाब- लोहड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है। धूमधाम के साथ समारोहों का आयोजन किया जाता है।

गुजरात व राजस्थान- उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है। पतंग उत्सव का आयोजन किया जाता है।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

इजराइल के दुश्मन क्यों है ईरान सहित सभी मुस्लिम देश?

12 जून से मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, 5 माह तक नहीं होंगे शुभ कार्य

वट सावित्री व्रत दो बार क्यों मनाया जाता है?

शनि देव को अतिप्रिय हैं ये चार फूल: शनि जयंती पर चढ़ाने से दूर होंगे शारीरिक तथा मानसिक कष्ट

वट सावित्री व्रत के दिन नहीं मिले बरगद का पेड़ तो ऐसे करें पूजा

सभी देखें

धर्म संसार

25 मई 2025 : आपका जन्मदिन

वट सावित्री व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

25 मई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

कांस में ऐश्वर्या ने मांग में सजाया सिन्दूर, दुनिया को दिया देश की संस्कृति और ताकत का संदेश

आल्हा ऊदल ने क्यों लड़ा था पृथ्‍वीराज चौहान से युद्ध?