Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का प्रसाद क्यों बांटते हैं?

हमें फॉलो करें मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का प्रसाद क्यों बांटते हैं?

WD Feature Desk

, सोमवार, 6 जनवरी 2025 (14:11 IST)
makar sankranti 2025: मकर संक्रांति का पर्व भारतभर में बहुत ही खास त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह दिन दान-पुण्य के लिहाज से भी बहुत ही खास माना गया है, क्योंकि इस दिन जहां नदी स्नान, सूर्य नारायण को अर्घ्य, पितृ पूजन तथा पितरों के निमित्त नदी अर्घ्य देना और दान देना पुण्य कार्य के श्रेणी में आता है। इस बारे में यहां यह भी कहा जा सकता हैं कि बिना तिल और गुड़ के यह त्योहार मनाया नहीं जा सकता है।ALSO READ: मकर संक्रांति उत्तरायण पर पतंग उड़ाने का कारण और महत्व
 
Highlights
  • तिल और गुड़ खाने से क्या फायदा होता है?
  • क्या तिल और गुड़ सेहत के लिए अच्छे होते हैं?
  • तिल गुड़ खाने के फायदे।
आइए जानते हैं यहां इसके बारे में... 
 
धर्म-ज्योतिष की नजर से तिल-गुड़ बांटने का महत्व : इस दिन से सूर्यदेव के उत्तरायण होने के कारण भी इस पर्व का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। यदि हम ज्योतिष की दृष्टि से तिल-गुड़ का महत्व देखें तो यह भी बहुत खास है, वो इसीलिए क्योंकि तिल और गुड़ दोनों ही सूर्य को मजबूत करने के साथ ही कुंडली में उनकी स्थिति को भी शुभ बनाते हैं। इसी कारण तिल-गुड़ का महत्व धार्मिक और ज्योतिषीय दोनों दृष्‍टि से बहुत खास है।ALSO READ: Makar Sankranti : कैसा रहेगा वर्ष 2025 में मकर संक्रांति का पर्व
 
हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति का त्योहार भगवान सूर्यदेव को समर्पित है, क्योंकि प्रतिवर्ष सूर्य का स्वागत करके भारत का कृषि समुदाय 14 जनवरी को फसल की कटाई का उत्सव मनाता है। और साथ ही पौराणिक हिन्दू कथाओं के अनुसार तिल को भगवान सूर्य से जुड़ा माना गया है, और इसी कारण भगवान सूर्य के सम्मान के प्रतीक के रूप में इस दिन तिल-गुड़ खाया जाता है।
 
संक्रांति पर क्यों बांटते हैं तिल और गुड़ का प्रसाद : सबसे पहले तो हम यह समझ लें कि मकर संक्रांति का पर्व ठंड के दिनों में पड़ता है और सर्दी के दिनों में ये दोनों ही चीजें यानि तिल-गुड़ का सेवन हमारे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता हैं। इन दोनों चीजों की तासीर गर्म होने के कारण सर्दी के दिनों में यह हमें फायदा पहुंचाते हैं। वहीं दूसरी ओर भारत का प्रमुख पर्व माने जाने मकर संक्रांति के त्योहार पर तिल और गुड़ बांटने का भी भरपूर प्रचलन है, तथा मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव के साथ-साथ श्री विष्णु तथा भगवान शनि का पूजन भी किया जाता है और पूजन के दौरान भगवान को तिल, गुड़ का प्रसाद चढ़ाया जाता है। 
 
जब सर्दी के मौसम में हमारे शरीर को गर्मी की आवश्यकता होती है, तब तिल-गुड़ के यह व्यंजन हमारे लिए लाभकारी साबित होते हैं। तथा तिल में तेल अधिक मात्रा में होने के कारण हमारे शरीर में तेल पर्याप्त मात्रा में पहुंचकर गर्माहट प्रदान करता है। इसी प्रकार गुड़ की तासीर भी गर्म होने के कारण यह हमारे शरीर में आवश्यक गर्मी पहुंचाते हैं। इसी कारण मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ खाने तथा इसका प्रसाद बांटने की परंपरा है।ALSO READ: मकर संक्रांति 2025 की तारीख, पुण्य काल, महत्व और मुहूर्त
 
साथ ही सर्दभरे इस मौसम में बाहरी वातावरण ठंडा होने के कारण हमारा शरीर रोग और अनेक बीमारियों के चपेट में भी जल्दी आ जाता है, तथा इस समय बने गुड़ और तिल के पकवान खाने से शरीर ऊर्जा से भर जाता है तथा इसमें मौजूद लाभदायक पोषक पदार्थों से हमारे शारीरिक रोग दूर होकर शरीर स्वस्थ्य रहता है। अत: इस दिन सभी को सेहतमंद बनाए रखने के लिहाज से भी तिल और गुड़ के तरह-तरह के व्यंजन बनाकर खाएं भी जाते है और बांटे जाते हैं। 
 
इसके अलावा लोहड़ी पर भी इसका बहुत महत्व होने के कारण इस त्योहार पर तिल-गुड़, रेवड़ी, तिलकूटा, तिल-गुड़ की गजक, तिल-गुड़ के लड्‍डूल तिल चक्की, तिल-गुड़ के रोल आदि बनाकर प्रमुखता से खाए जाते हैं तथा परिवारजनों, रिश्‍तेदारों तथा जान-पहचान वालों को भी बांटें जाते हैं। साथ ही इस दिन खिचड़ी खाने तथा मूंग दाल तथा चावल दोनों को मिलाकर इनकी खिचड़ी बांटने की भी भारतीय पौराणिक परंपरा है। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वर्ष 2025 में मेष, कर्क, सिंह, कुंभ, धनु और मीन राशि पर शनि का प्रभाव, करें लाल किताब के मात्र 5 उपाय