कैसे मनाएं संक्रांति पर्व

सूर्य के संक्रमण काल का त्योहार संक्रांति

Webdunia
FILE

मकर संक्रांति को सूर्य के संक्रमण काल का त्योहार भी माना जाता है। एक जगह से दूसरी जगह जाने अथवा एक-दूसरे का मिलना ही संक्रांति होती है। सूर्य जब धनु राशि से मकर पर पहुंचता है तो मकर संक्रांति मनाते हैं।

राशि परिवर्तन : - सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं। यह परिवर्तन मास में एक बार आता है। सूर्य के धनु राशि से मकर राशि पर जाने का महत्व, इसलिए अधिक है कि इस समय सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाता है।

कैसे मनाएं संक्रांति : -
* इस दिन प्रातःकाल उबटन आदि लगाकर तीर्थ के जल से मिश्रित जल से स्नान करें।
* यदि तीर्थ का जल उपलब्ध न हो तो दूध, दही से स्नान करें।
* तीर्थ स्थान या पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व अधिक है।
* स्नान के उपरांत नित्य कर्म तथा अपने आराध्य देव की आराधना करें।
* पुण्यकाल में दांत मांजना, कठोर बोलना, फसल तथा वृक्ष का काटना, गाय, भैंस का दूध निकालना व मैथुन काम विषयक कार्य कदापि नहीं करना चाहिए।

संक्रांति पुण्य पर्व :- उत्तरायण देवताओं का अयन है। यह पुण्य पर्व है। इस पर्व से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। उत्तरायण में मृत्यु होने से मोक्ष प्राप्ति की संभावना रहती है। पुत्र की राशि में पिता का प्रवेश पुण्यवर्द्धक होने से साथ-साथ पापों का विनाशक है।

सूर्य पूर्व दिशा से उदित होकर 6 महीने दक्षिण दिशा की ओर से तथा 6 महीने उत्तर दिशा की ओर से होकर पश्चिम दिशा में अस्त होता है।

उत्तरायण का समय देवताओं का दिन तथा दक्षिणायन का समय देवताओं की रात्रि होती है, वैदिक काल में उत्तरायण को देवयान तथा दक्षिणायन को पितृयान कहा गया है। मकर संक्रांति के बाद माघ मास में उत्तरायण में सभी शुभ कार्य किए जाते हैं।

क्या नजर लगने से बिगड़ने लगते हैं काम? जानिए प्रेमानंद महाराज ने क्या बताई सच्चाई

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी, इस घटना से होगी तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत

जगन्नाथ रथयात्रा 2025: क्या है जगन्नाथ मंदिर का इतिहास, कितना प्राचीन है यह मंदिर?

12 साल बाद मिथुन में गुरु और सूर्य की युति पर राहु की नजर से होगा 3 राशियों को लाभ, 5 राशियों को नुकसान

जगन्नाथ रथयात्रा 2025: कैसे करें घर में प्रभु श्री जगन्नाथ की पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त और विधि

रथ यात्रा पर निबंध: आस्था, एकता और अध्यात्म का भव्य संगम, जगन्नाथ रथ यात्रा में क्या है इस साल खास?

श्री जगन्नाथ रथ यात्रा में कैसे जाएं? जानिए पूरी रथ यात्रा की टाइम टू टाइम संपूर्ण जानकारी

गुप्त नवरात्रि पर अपनों को शेयर करें ये 5 शुभकामना संदेश

गुप्त नवरात्रि में कौन से मंत्र पढ़ने चाहिए?

26 जून से प्रारंभ होगी गुप्त नवरात्रि, जानें घट स्थापना के मुहूर्त, कैसे करें देवी आराधना और लग्नानुसार फल