शास्त्रानुसार संक्रांति 15 जनवरी को

4-5 वर्ष के अंतराल में आती है ऐसी स्थिति

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शास्त्रों के अनुसार इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी के बजाए 15 जनवरी को मनाया जाएगा। ज्योतिर्विद डॉ. रामकृष्ण डी. तिवारी कहते हैं कि इस वर्ष सूर्य मध्यरात्रि 12 बजकर 9 मिनट पर धनु से मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं।

मकर संक्रांति में सूर्य के बदलने के समय के पश्चात से 40 घड़ी तक पुण्यकाल माना जाता है। मध्य रात्रि में इस प्रवेश काल के कारण अगले दिवस सूर्योदय से सूर्यास्त तक पुण्यकाल रहेगा।
  शास्त्रों के अनुसार इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी के बजाए 15 जनवरी को मनाया जाएगा। ज्योतिर्विद डॉ. रामकृष्ण डी. तिवारी कहते हैं कि इस वर्ष सूर्य मध्यरात्रि 12 बजकर 9 मिनट पर धनु से मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं।      


40 घड़ी या 16 घंटे के पुण्यकाल को भी मानें तो सायंकाल 4 बजकर 9 मिनट तक पुण्यकाल रहेगा। ऐसी स्थिति प्रत्येक 4 से 5 वर्ष के अंतराल में आती है। इन्हीं शास्त्र वाक्यों के अनुसार संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को ही रहेगा।

ज्योतिषाचार्य डॉ. सुरेशचंद्र शास्त्री ने बताया कि सूर्य का धनु राशि से निकलकर मकर में प्रवेश रात्रि 12 बजे के पश्चात होने से मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी, मंगलवार को ही मनेगा इस मामले में भारतीय गणना पद्धति को अँगरेजी कैलेंडर से संबद्ध नहीं किया जा सकता।

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