सभी पैरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे स्कूल में अच्छा परफॉर्म करें, लेकिन उनका अच्छा परफॉर्म करना केवल कुछ दिन की तैयारी से संभव नहीं हो सकता। कुछ दिन की तैयारी से वे परीक्षा में पास जरुर हो सकते हैं, लेकिन यह उन्हें जिंदगी में ज्यादा काम आने वाला नहीं है। जरुरी ये है कि बच्चे किताब में दी गई बातों को रटने से पहले उन्हें ठीक तरह से समझकर मन में उतारें और यह सब संभव हो पाएगा जब हर बात को समझने के लिए उनके पास पर्याप्त समय होगा।
ऐसे में जरुरी है कि बच्चों का पूरे साल का टाइम टेबल बना दिया जाए। चाहे परीक्षा स्कूल वाले कभी भी लें लेकिन आपके बच्चों की दिनचर्या आप ऐसी बनाएं कि किसी भी दिन उन पर पढ़ाई का बोझ न पड़े और वे हर दिन कुछ नया भी सीखते जाएं।
आइए जानते हैं आपके बच्चे का टाइम टेबल कैसा हो :
1. हर साल की योजना बनाइए
अपने बच्चे के साथ बैठिए और उसके साथ बातचीत करके पूरे एकेडिमिक ईयर को शुरुआत में ही प्लान कर लीजिए, जिससे आपके और बच्चे के पास भरपूर वक्त रहे। अपने बच्चे के कमजोर क्षेत्रों को पहचानें। उसका पिछले साल का रिपोर्ट कार्ड और उसका अनुभव इसमें आपकी मदद करेगा। इस हिस्से पर आपको और बच्चे को अधिक काम करना है।
2. हर काम के घंटे बांटिए
इस बार टाइमटेबल में उन गल्तियों को जगह न दें जो पिछले साल परेशानी का सबब बन गईं थीं। हो सकता है पिछले साल बच्चे का सोने और होमवर्क का समय एक ही हो ऐसे में टीवी के टाइम में कटौती कर थोड़ा पहले होमवर्क करना समझदारीभरा कदम होगा।
3. होमवर्क को फन एक्टिविटी बनाने की कोशिश करें
यदि बच्चा न पढ़ने के बहाने ढूंढने लगता है, तब बच्चे को दूसरे बच्चे के उदाहरण देने के बजाए पढ़ाई को खेल-खेल में सिखाने की कोशिश करें। ऐसे नए तरीके खोजने की कोशिश करें जिसमें बच्चे का मन लगे। आप अपने बच्चे को सबसे बेहतर जानते हैं और आप ही उसकी पसंद की एक्टिविटी आसानी से खोज सकते हैं।
4. टाइम टेबल का बीच-बीच में आंकलन करें
एकेडमिक ईयर की शुरुआत में बनाया गया प्लान हो सकता है सही न हो। इस समस्या के उपाय के तौर पर बीच-बीच में इस प्लान का मूल्यांकन करें। अपने बच्चे से सलाह-मशविरा करें और अगर जरूरी लगता है तो इसमें बदलाव करें।
5. टाइम टेबल फॉलो हो इसका ध्यान रखें
बच्चों को भी काम की अधिकता इतनी होती है कि अगर सही टाइमटेबल मैंटेन नहीं किया जाए तो काम इकट्ठा हो जाता है और समस्या बहुत बढ़ जाती है। होमवर्क सही तरीके से होता रहे इसके लिए जरूरी है कि आप टाइम टेबल फॉलो होने पर ध्यान दें।
6. स्कूल के बाद दें आधे घंटे का ब्रेक
स्कूल से लौटने के बाद बच्चे को आधे घंटे का ब्रेक दें। इस दौरान बच्चा न तो टीवी देखे, न इमेल चेक करे और न ही वीडियो गेम्स खेलना शुरू करें। अगर बच्चा इन सबमें लग जाता है तो वह आधे घंटे के बाद उठने से रहा। बजाय रात में होमवर्क के बच्चे को दिन में अधिकतर काम निपटा लेने के लिए प्रेरित करें। रात में घर के सभी सदस्य घर पर होने से बच्चे का मन टीवी और सभी के साथ बैठने का रहता है। ऐसे में अकेले बैठकर पढ़ना मुश्किल काम है।
7. छुट्टी के दिन पढ़ाई का समय निश्चित करें
सभी को एक ब्रेक की जरूरत होती है। बच्चे भी छुट्टी के दिन फ्री रहना चाहते हैं। ऐसे में टाइम टेबल के हिसाब से चलना नामुमकिन है। आप छुट्टी के दिन के लिए अलग से टाइम टेबल बनाएं, जिससे होमवर्क न रह जाए और बच्चे को छुट्टी का मजा भी मिले।
8. बच्चे के होमवर्क पर रखें नजर
आपके बच्चे को केवल गणित में अच्छा ही नहीं होना है। अगर बच्चा काफी समय केवल एक ही विषय का होमवर्क करता है तो ध्यान दें कहीं उसे जरूरत से अधिक काम तो नहीं दिया जा रहा। होमवर्क की क्वालिटी पर भी ध्यान दें। होमवर्क ऐसा हो, जिसमें बच्चा सीखे।