माँ और शिशु का रिश्ता अनमोल होता है। इस रिश्ते को माँ से बेहतर और कोई नहीं जान सकता। जन्म लेते ही शिशु की देखभाल बहुत सावधानी से की जानी चाहिए। बच्चा जब रोता है तो यह समझा जाता है कि उसे कोई तकलीफ है, लेकिन ऐसा नहीं है। अपने नवजात शिशु की देखभाल करते समय इन बातों पर विशेष ध्यान दें-
1) शिश ु को स्तनपान करना- नवजात शिशु के लिए माँ का दूध ही सर्वोत्तम माना जाता है। माँ को बच्चे को तब तक दूध पिलाना चाहिए, जब तक वह पूरी तरह से संतुष्ट न हो जाए।
2) शिश ु का रोना- शिश ु के रोने पर यह जरूरी नहीं है कि उसे तकलीफ है। रोना बच्चे के लिए एक अच्छा अभ्यास भी है। उसके रोने पर उसे मारें या डाँटें नहीं, बल्कि उसे प्यार से चुप कराएँ। यदि ज्यादा रोए तो डॉक्टर को दिखाएँ। सामान्यतः बच्चों के पेट में तकलीफ होने से भी वह रोते हैं।
3) बच्चे की मालिश- मालिश सावधानीपूर्ण की जानी चाहिए। मालिश से बच्चों का शारीरिक विकास होता है। मालिश जैतून का तेल, बादाम का तेल या बेबी ऑइल से करें। मालिश ज्यादा भारी हाथों से नहीं, हल्के हाथों से करें।