चलो गांव की ओर : ग्रामीण महिलाएं करेंगी पत्रकारिता

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मीनाक्षी लेखी ने किया विमोचन, अगले अंक की होंगी अतिथि संपादक
नई दिल्ली। “गांव की महिलाओं को दिल्ली आने की बजाय गांव से ही देश को बदलने की मुहिम चलानी होगी। भूमि अधिग्रहण से लेकर अपने अधिकारों तक की हर बात के लिए उन्हें किसी पर निर्भर होने की बजाय अपनी आवाज खुद बनना होगा। इसलिए उनका खुद पत्रकार हो जाना इस देश को एक नई पहचान देगा।“
यह बात भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने सिविल सर्विसिज संस्थान में एक विशेष पत्रिका 'चलो गांव की ओर' के पहले अंक को जारी करते हुए कही। जानी-मानी प्रशासनिक अधिकारी और समाजसेवी रश्मि सिंह और पत्रकार-शिक्षक वर्तिका नन्दा की इस पत्रिका का मकसद देश के अलग-अलग गांवों में लड़कियों को पत्रकारिता का प्रशिक्षण देते हुए गांव की रिपोर्टिंग करने के लिए प्रोत्साहित करना है। पहले अंक के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों की 30 लड़कियों को रिपोर्टिंग की कला से अवगत करवाया गया और उन्होंने इस अंक में अपनी भागीदारी की।
 
इस मासिक पत्रिका के साथ समाज के कई प्रतिष्ठित लोगों को जोड़ा गया है। पहले अंक की अतिथि संपादक इस साल पद्मश्री से सम्मानित उषा किरण खान हैं और अगले अंक की अतिथि संपादक खुद मीनाक्षी लेखी रहेंगी जिसमें वे भूमि अधिग्रहण के मामले पर लिखेंगी। वे इसमें महिला किसानों की सक्रिय भागीदारी को भी लेकर अपने दमदार विचार रखेंगी। रश्मि सिंह और वर्तिका नन्दा दोनों ही राष्ट्रपति के हाथों स्त्री शक्ति सम्मान पा चुकी हैं। 
यह वस्तुत:  देश की पहली ऐसी पत्रिका होगी जिसमें मुख्य भागीदारी गांव की लड़कियों की होगी, वे अपने गांवों के विविध मसलों पर रिपोर्टिंग करेंगी और देश की मुख्यधारा की पत्रकारिता से अलग हटकर अपनी जगह खुद बनाएंगी। 8 पन्नों की यह पत्रिका गांव को शहरों से जोडने के पुल का काम शुरू कर चुकी है। मेक इन इंडिया की ओर 'चलो भारत की ओर' की इस कोशिश में आने वाले समय में देश के अलग-अलग राज्यों में इस मुहिम को चलाया जाएगा। पहले चरण में फोकस बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और मध्यप्रदेश के गांवों पर रहेगा।
 
इस अभियान का आयोजन नानक के विशेष आग्रह और सहयोग से किया गया। नानक एक स्वयंसेवी संगठन है जो पिछले एक साल से देश के गांवों (विशेषकर बिहार और उत्तरप्रदेश) में सशक्तिकरण की मुहिम चला रहा है। रश्मि सिंह के निर्देशन में इस संस्था ने बिहार के रोहतास जिले के मझुई गांव में एक स्कूल की भी स्थापना की है जिसमें आसपास के गांवों के बच्चों को उच्च स्तर की शिक्षा और कंप्यूटर की ट्रेनिंग दी जा रही है। 

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