तेरे आँगन में...

Webdunia
- दिलशाद ज़ाफरी
ND

जब मैं तेरे आँगन में
एक फूल की माँनिंद खिला
तू देख के मुझको जीती थी
मैरे आँसू पीती थी
माँ ओ माँ!
अक्सर डर कर मैं छुप जाता था
तेरे आँचल में
ख़ुशियों के सारे रंग मैं पाता था
तेरे आँचल में
मेरे लिए तू ही सारी दुनिया थी
तेरी झोली में ही तो मेरी सारी ख़ुशियाँ थी
आज !
मैं उलझा हूँ जीवन के संघर्षों में
पर इस तपती दोपहरी में भी
माँ !
तेरी कोई दुआ
बादल बनकर मेरी रूह से टकराती है
और
आज भी
सारी फ़िक्रों के बीच
मुझे ये ख़ुशियाँ दे जाती है
माँ ओ माँ !

Show comments

क्या होता है DNA टेस्ट, जिससे अहमदाबाद हादसे में होगी झुलसे शवों की पहचान, क्या आग लगने के बाद भी बचता है DNA?

क्या होता है फ्लाइट का DFDR? क्या इस बॉक्स में छुपा होता है हवाई हादसों का रहस्य

खाली पेट ये 6 फूड्स खाने से नेचुरली स्टेबल होगा आपका ब्लड शुगर लेवल

कैंसर से बचाते हैं ये 5 सबसे सस्ते फूड, रोज की डाइट में करें शामिल

विवाह करने के पहले कर लें ये 10 काम तो सुखी रहेगा वैवाहिक जीवन

हनुमंत सदा सहायते... पढ़िए भक्तिभाव से भरे हनुमान जी पर शक्तिशाली कोट्स

21 जून योग दिवस 2025: अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के 10 फायदे

मातृ दिवस और पितृ दिवस: कैलेंडर पर टंगे शब्द

हिन्दी कविता : पिता, एक अनकहा संवाद