'माँ' सिर्फ आपको अर्पण

खास माँ के लिए, एक कविता

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प्रियंका शा ह
NDND
माँ है वह ममता की महान मूरत,
जिसकी मुस्कान के सहारे खिल उठती है सूरत

जो जीवन के पग-पग पर देती हैं साथ,
कभी नहीं होने देती है जीवन में निराश,

आपकी उँगली पकड़कर ही तो मैंने चलना सीखा,
आपकी ममता के आँचल में मैंने एक गीत लिखा,

आपने ही थामा हाथ, जब कदम थे मेरे लड़खड़ाएँ,
मुझे हौंसला देकर फिर आपने आगे के पथ दिखलाएँ,

आज मातृ दिवस पर आपसे ही ये पूछती हूँ मैं
क्यों ईश्वर को छोड़ माँ आपको पूजती हूँ मैं,

आज मैं हूँ जिन बुलंदियों पर,
उसका श्रेय 'मा ँ' सिर्फ आपको अर्पण।

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