ओ माँ! तुझे सलाम

- विशाल मिश्रा

Webdunia
WD
WD
आज हम उन महिलाओं के बारे में बात करें जिनको शायद कोई माँ कहने वाला ही नहीं है। जी हाँ, किसी कारण से उनकी गोद हरी नहीं हो पाई या गोद हरी होकर फिर से सूनी हो गई। इन माँओं को उनके पड़ोसी आंटी वगैरह बोलते हैं, रिश्तेदार भी मौसी, बड़ी मम्मी या कुछ और रिश्ते के नाम से तो पुकारते हैं। लेकिन शायद इन्हें माँ कोई नहीं बोलता और इन्हें तो सबसे ज्यादा जरूरत है माँ सुनने की।

किसी महिला ने अपने भाई के बच्चों को गोद ले लिया तो वह भी उन्हें आजीवन बुआ जी या बहन का बच्चा गोद ले लिया तो मौसी ही कहता रहता है।

मैंने एक दिन यह बात याद आते ही मेरी एक परिचित महिला को एसएमएस भेजा 'मम्मी जी गुडनाइट, आई एम मिसिंग यू।' इत्तेफाक से उनके पास मेरा मोबाइल नंबर नहीं था और वे जज नहीं कर पाईं। कि यह संदेश भेजने वाला कौन है। अगले दिन उस लेडी को मैंने ईमेल भी किया कि आंटी, वह मैसेज कल रात मैंने ही आपको एसएमएस किया था लेकिन नाम लिखना भूल गया था।

उसके बाद तो उन्होंने जो प्यार और आशीर्वाद की बारिश मुझ पर और मेरे परिवार पर की। उसे प्रकट करने के लिए सार े शब्द नाकाफी हैं, केवल उसे महसूस ही किया जा सकता है। उनके ईमेल मैसेज की शुरुआती दो पंक्तियाँ थीं 'मुझे मेरे ससुराल में सभी बच्चे बड़ी मम्मी कहते हैं और मेरे मायके में सब बच्चे मुझे मौसी कहकर बुलाते हैं। इसलिए मैंने खूब सोचा कि यह मैसेज किसका हो सकता है।

मुझे बहुत खुशी हुई जानकर कि इतनी रात गए भी मेरा कोई बेटा मुझे याद करता है। मेरे मन में ख्‍याल आया कि मुझे तो आंटी एक-दो बार कह चुकी हैं कि विशाल, मेरा कोई बेटा नहीं है लेकिन वह होता तो बिल्कुल तुम्हारी तरह ही होता। मैं भी उनसे कहता मैं भी आपका ही बेटा हूँ आदि कहता तो वह खुशी उनकी आँखों से छलकती।

मैंने विचार किया कि उनकी ओर से तो वे मुझे बेटा कह चुकी हैं अब बारी मेरी है उन्हें माँ बुलाने की। विडंबना यह है कि आप अपनी सासु माँ को, या फिर किसी लड़की से राखी बँधाई है उसकी माँ को, और अपने घनिष्ठ मित्रों की माँ को मम्मी कहकर बुलाते हैं। ये महिलाएँ तो वास्तव में किसी न किसी की माँ हैं। लेकिन उन महिलाओं को जिनके कोई संतान नहीं ह ै, उन्हें शायद ही कोई इस संबोधन से बुलाता हो । इसलिए इस मदर्स डे पर ऐसी किसी 'माँ' को ढूँढ लें। यकीन मानिए इससे बड़ा तोहफा शायद ही उस महिला के लिए और कुछ हो।

माँ से संबद्ध चंद शेर -
यारों को मसर्रत मेरी दौलत पे है
बस एक माँ है जो मेरी खुशी देख के खुश है - मुनव्वर राना

मैंने रोते हुए पोछे थे किसी दिन आँसू,
मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुप्पट्टा अपना - मुनव्वर राना

हादसों की गर्द से खुद को बचाने के लिए,
माँ हम अपने साथ बस तेरी दुआ ले जाएँगे - मुनव्वर रान ा

खाने की चीज़ें माँ ने जो भेजी हैं गाँव से,
बासी भी हो गई हैं तो लज़्ज़त वही रही - मुनव्वर राना

यह सच है कोई दिलजोई नहीं
माँ के जैसा दुनिया में दूसरा कोई नहीं
एक बार नींद में चौंका था मैं
उसके बाद बरसों तलक मेरी माँ सोई नही ं - निद ा फ़ाज़ली

Show comments

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

तपती धूप से घर लौटने के बाद नहीं करना चाहिए ये 5 काम, हो सकते हैं बीमार

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व

विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

समर में दिखना है कूल तो ट्राई करें इस तरह के ब्राइट और ट्रेंडी आउटफिट

Happy Laughter Day: वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन

संपत्तियों के सर्वे, पुनर्वितरण, कांग्रेस और विवाद

World laughter day 2024: विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में