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कैसे कहूँ कि माँ तेरी याद नहीं आती

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- कुलवंत हैप्पी

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चो ट मुझ े लगती, रक्त तेरी की आँख से बहता था
मेरे घर आने तक, साँस गले में भी अटका रहता था
कैसे कहूँ कि माँ तेरी याद नहीं आती
कैसे कहूँ कि माँ तेरी याद नहीं रुलाती

आज भी गिरने पर माँ, तेरा ही अहसास उठाता है
तेरा सिखाया हर गुर मेरे पाँव पाँव काम आता है
कैसे कहूँ कि माँ तेरी याद नहीं आती
कैसे कहूँ कि माँ तेरी याद नहीं रुलाती

मेरी हर खुशी का जश्न अधूरा रहता है तेरे बगैर
जैसे तू अधूरी थी माँ दुनिया में हमेशा मेरे बगैर
कैसे कहूँ कि माँ तेरी याद नहीं आती
कैसे कहूँ कि माँ तेरी याद नहीं रुलाती

अपनी ही कोख से देना जन्म, मेरी तुमसे दुआ है
और से करूँ क्यूँ, मेरी लिए तो माँ तू ही खुदा है
कैसे कहूँ कि तेरी याद नहीं आती
कैसे कहूँ कि तेरी याद नहीं रुलाती

जब अलविदा कहूँ दुनिया को, पनाह तेरी कोख हो
मरजाना हैप्पी तेरा माँ एक बार फिर तेरी गोद हो
कैसे कहूँ कि तेरी याद नहीं आती
कैसे कहूँ कि तेरी याद नहीं रुलाती
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