सुनो विदेशी त्योहारों की बेअक्ली से नकल करने वालों तुम्हें और बात बात में मां की गालियां बकने वालों तुम्हें भी मदर्स डे की खूब बधाई और शुभकामनाएं। सोशल मीडिया पर मां की, मां के साथ फोटुओं की झांकी लगाने के लिए मां को टूल की तरह इस्तेमाल करने वाले, जीते जी दुत्कारने और मरे बाद ड्राइंगरूम, पूजाघर में बड़े से फोटो पर चन्दन का हार चढ़ाने वाले, बुढ़ापे में बोझ मान बारी बारी से उनको बांटने वाले लोगों को भी अनेक बधाई।
युद्ध की विभीषिका में घर छोड़ कर जा रहे यूक्रेन के बच्चों की मां, उनके लिए खिलौने रखने वाले रोमानिया के बच्चों की मां, विश्व के युद्धों में अपने बेटों-बेटियों को खोने वाली सारी मां को भी बधाई। जिनके बच्चों को सेना में भरती की योग्यता में इंच भर की कमी भी मान्य नहीं, पर मारे जाने के बाद कई इंच कम या कभी कभी तो क्षत-विक्षत शरीर भी नसीब नहीं होते ऐसा लोहे का कलेजा रखने वाली माताओं का भी तो इस पर हक़ बनता है।
बोलीविया में मातृत्व दिवस 27 मई को मनाया जाता हैं। कोरोनिल्ला युद्ध को स्मरण करने के लिए 8 नवम्बर 1927 को कानून पारित किया गया। यह युद्ध 27 मई 1812 को उस जगह हुआ था जो अब कोचाबाम्बा का शहर कहलाता है। इस लड़ाई में, उन महिलाओं का स्पेनिश सेना द्वारा सरेआम कत्ल कर दिया गया जो देश की आजादी के लिए लड़ रही थी।
पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में "माता तीर्थ औंशी", जिसका अनुवाद है "मदर पिल्ग्रिमेज फोर्टनाईट" जो बैशाख के महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ता है। यह त्योहार अमावस्या के दिन होता है, इसलिए इसे "माता तीर्थ औंशी" कहते हैं। यह शब्द "माता" अर्थात् मां और "तीर्थ" अर्थात् तीर्थयात्रा शब्द से बना हैं। यह पर्व जीवित और स्वर्गीय माताओं के स्मरणोत्सव और सम्मान में मनाया जाता है, जिसमें जीवित माताओं को उपहार दिया जाता हैं तथा स्वर्गीय माताओं का स्मरण किया जाता है।
श्रवण कुमार के इस राष्ट्र भारत जिसे “भारत मां” कहते हैं वहां संपत्ति हड़प कर माताओं को भीख मांगने को मजबूर कर छोड़ने वाले, अपनी बीवियों के कहने में आकर मां का तिरस्कार करने वाले, अपनी बीबी की गलती भूलों पर उनकी मां को कोसने वालों को भी मदर्स डे की बधाई।
अपनी सहायिकाओं पर उनके बच्चों की तबियत ख़राब होने पर छुट्टी न देने वाले, घर की मां-सासुओं को घर में अकेले छोड़ कर बड़े-बड़े कार्यक्रमों में “मां की महिमा” पर लिखने, भाषण झाड़ने, ज्ञान बांटने वालों को भी शुभकामनाएं। इतना ही नहीं अपने पति की मां को चुड़ैल और खुद की मां को महान समझने वाली, ऑफिस के साथियों की मां के लिए कार्यक्रम करने और अपनी सासू को गालियां बकने वालों को भी तो बधाई बनती ही है। अपनी बहू को सदैव कोसने और अपनी बेटी की सास को बात बात में नीचा दिखने वालों को कैसे भूल जाएं? उन्हें भी बराबरी की बधाई।
चीन में इस दिन उपहार के रूप में गुलनार का फूल, जो बहुत लोकप्रिय हैं सबसे अधिक बिकते हैं। ये दिन गरीब माताओं की मदद के लिए 1997 में निर्धारित किया गया था। खासतौर पर लोगों को उन गरीब माताओं की याद दिलाने के लिए जो ग्रामीण क्षेत्रों, जैसे कि पश्चिम चीन में रहती थीं। हाल ही के कुछ सालों में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य ली हंकिऊ ने मातृ दिवस को मेंग मु, जो मेंग जी की मां थीं, की याद में कानूनी मान्यता देने के लिए हिमायत की और 100 कन्फ़ुसियन विद्वान और नैतिकता के प्रवक्ताओं की मदद से गैर सरकारी संगठन बनाया जिसका नाम चाइनिज मदर फेस्टिवल प्रोमोशन सोसाइटी है। उन्होंने पश्चिमी उपहार गुलनार के बदले सफ़ेद लिली देने के लिए कहा जो प्राचीन समय में चीनी महिलाओं द्वारा तब लगाया जाता था जब उनके बच्चे अपना घर छोड़कर जाते थे।
हमारे यहां पूजा के लिए फूलों को तरसने वाली, बोझ बन जाने वाली, अपशब्दों की भागी, बेटे-बहू, बेटी-जंवाई अन्यों की सताई सभी मां को भी बधाई। घर से बाहर अलग दुनिया बसा लेने वाले, मां को अकेले छोड़ जाने वाले विदेशों में जा बसने वाले और फिर कभी लौट कर न आने वाले और कुछ केस में तो मां को मरे महीनों हो गए खबर न लेने वाले, लाश कंकाल में बदल गई पर न मिलने वाले भी क्या मदर्स डे मना सकते हैं? पता नहीं, अरे! उन मां को भी तो बधाई जिनकी बेटियों के बलात्कार हुए और न्याय के लिए भटक रहीं, बधाई उन्हें भी, जिनके बेटे झूठे केस में फंसा दिए गए। अपने बच्चों की खातिर भ्रष्ट, शराबी पतियों की ज्यादतियां सह्तीं और ज्यादती जबरदस्ती से पैदा हुए बच्चों की मां को भी क्या बधाई दे सकते हैं?
और हां...उन सभी निर्मल, निर्दोष, निरीह पशु-पक्षियों की मां को भी बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं जो अकारण ही नारकीय इंसानों की क्रूरता का शिकार हो खुद या बच्चे अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठीं/बैठेंगी। अरे मदर्स डे मनाने वालों पहले इसका मर्म तो जान लो।
ये गोरे तो शुद्ध व्यवसायी होते हैं। मदर्स डे शुरु करने वाली ऐना खुद ही इस दिन के व्यवसायीकरण से बहुत त्रस्त रहीं। मातृ दिवस का दिन आज भी अमेरिका के उत्सवों में सबसे अधिक सफल वाणिज्यिक उत्सवों में से एक है। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में मातृ दिवस आजकल भोजनालय में खाने-पीने के लिए साल का सबसे लोकप्रिय दिन बन गया है।
IBIS World, व्यापार शोध के प्रकाशक के अनुसार, अमरीकी लगभग 2.6 बिलियन डॉलर फूलों पर, 1.53 बिलियन डॉलर खुश करने वाले उपहारों पर-जैसे स्पा उपचार-और 68 मिलियन (1 मिलियन = 10 लाख) डॉलर शुभकामना कार्ड देने पर खर्च करेंगे। माताओं को अंगूठी देने की परंपरा के कारण अमेरिका के गहने उद्योग के वार्षिक राजस्व का 7.8% मातृत्व दिवस को ही प्राप्त होगा। यदि कार्ड, फूल एवं वाणिज्यिक उद्योगों द्वारा इसे लगातार समर्थन नहीं मिलता तो ऐसा सम्भव था।
तो...हम भारतीय अपने तीज त्योहारों को ही प्राथमिकता दें। हमारे यहां तो रोज ही माता का दिन है। उसी के चरणों में स्वर्ग है। उसी की कृपा से जीवन और ये सृष्टि है। फिर इन अंग्रेजों की तर्ज पर केवल एक दिन क्यों? सारा जीवन मां को अर्पित है...