✕
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
लोकसभा चुनाव
समाचार
स्पेशल स्टोरीज
रोचक तथ्य
चर्चित लोकसभा क्षेत्र
लोकसभा चुनाव का इतिहास
भारत के प्रधानमंत्री
IPL 2024
IPL टीम प्रीव्यू
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
लोकसभा चुनाव
IPL 2024
बॉलीवुड
धर्म-संसार
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
बालकवि बैरागी की कविता : जब भी बोलता हूं 'मां'
Webdunia
जब भी लिखता हूं 'मां'
तो लेखनी सरल और सारस्वत शस्त्र
हो जाती है।।
कलाई में कंपन नहीं होता
वो हो जाती है कर्मठ
उंगलियां दिपदिपाने लगती हैं
मानो गोवर्द्धन उठा लेंगी।।
जब भी बोलता हूं 'मां'
जबान से शब्द नहीं शक्ति झरती है
खिल जाता है ब्रह्म कमल
भाषा वाणी हो जाती है
और वाणी?
वाणी हो जाती है दर्शन।।
जब भी सोचता हूं मां के बारे में
हृदय देवत्व से भर जाता है
अन्तर का कलुष मर जाता है।।
याद आता है उसका कहा-
'बेटा! ईश्वर ने जीभ और हृदय में
हड्डियां नहीं दीं।
क्यों?
फिर समझाती थी
'जीभ से कोमल और मीठा बोलो
हृदय से निश्छल और निर्मल सोचो।'
मैं वात्सल्य और ममता से छलछलाती
उसकी कल्याणी आंखों में
खुद को देखता रह जाता।।
फिर
अपने अमृत भरे वक्ष को
आंचल से ढंकती हुई मुझे
ममता-वात्सल्य और आंचल का
अर्थ समझाती
कर्म-कर्मठता-पुरुषार्थ-परमार्थ
पुण्य और परिश्रम का पाठ पढ़ाती
अपनी गाई लोरियों में
जागरण में छिपे मर्म को
नए सिरे से गाकर सुनाती।।
मैं अबोध होकर सुनता रहता।।
'घर' और 'मकान ' का फर्क बताती
'विवाह' और 'विश्वास' का भेद सुनाती
'परिवार' और 'गृहस्थी' की गूढ़ ग्रंथियां सुलझाती।।
जीतने पर इतराना नहीं
हारने पर रोना नहीं
गिरने पर धूल झटककर
फिर से उठ खड़े होना सिखाती
'लक्ष्य' और 'आदर्श' का फासला
तय करवाती।।
मेरी डिग्रियों पर अपना दीक्षांत (दीक्षान्त) लिखती
कम बोले को ज्यादा समझने की
कला बताती।।
पेड़-पत्तों और जड़ों का रिश्ता
धरती और आसमान से जोड़कर
मौसम और ऋतु से
आयु का गणित जोड़ती
मुझे भीतर तक मथ देती
मेरी नासमझी की बलैया लेती
मैं समझने की कोशिश में
अवाक सुनता रहता।।
एक दिन उसने सवाल किया
'बता! मां के दूध को अमृत क्यों कहा?'
मैं चुप।
वो खिलखिलाकर बोली
'अमृत का स्वाद किसी को पता नहीं
क्योंकि उसे किसी ने पिया या चखा नहीं।।
मां के दूध को अमृत कहा ही इसलिए कि
उसे पीने वाले भी उसका स्वाद नहीं जानते।।
ज्यों ही मुझे लगा कि
तुझे उसमें स्वाद आने लगा है
मैंने अपनी छातियों से तुझे दूर कर दिया था
बता! तब मेरे दूध का स्वाद कैसा था?'
मैंने चुप्पी तोड़ी- कहा
अमृत जैसा था।।
वह खिलखिलाती रही
मैं हंसता रहा
मेरा सिर उसकी गोदी में था
वह आशीष देती रही
मेरे बाल सहलाती रही
उसकी आंखों से टप-टप टपकते आंसू
मेरे ललाट पर गिरकर
विधाता के लिखे मेरे भाग्य लेख को धो रहे थे
आकाश में चक्कर लगाते देवदूत
इस दृश्य पर न्योछावर हो रहे थे।।
पिताजी कहते थे
तेरी मां निरक्षर जरूर है
पर अपढ़ नहीं है
जब तक वो तेरे पास है
तब तक तेरे जीवन में
कोई गड़बड़ नहीं है।।
एक साकार समूचा सशरीर
ईश्वर होती है मां
अपने बच्चों के लिए ही
जागती और सोती है मां
अपने सपनों में भी वह
तुम्हारा और केवल तुम्हारा
सुखी भविष्य देखती है
यह मत सोचो कि वह
तुम्हारे और मेरे लिए
बस दो-चार रोटियां सेंकती हैं।।
यहां साक्षात भगवान भी
मां की कोख और उसके
पेट से जन्म लेता है
वह भी मां के ऋण से उऋण
नहीं होता है।।
तेरी मां तेरा स्वर्ग है
मैं बस उस स्वर्ग का द्वारपाल
तू अपनी जीवन यात्रा का आदर्श तय कर
और अपने लक्ष्य को सम्हाल।।
आज बिलकुल अकेला मैं
सोचता हूं
हाथ तो भगवान ने मुझे बस
दो ही दिए हैं
पर मातृ-शक्ति मेरी मां ने
कितने शस्त्र दे दिए हैं
मेरे इन दो हाथों में
इन्हें आजमाऊंगा मैं अपने जीवन संग्राम में
इन्हें नहीं घुमाऊंगा
किन्हीं जुलूसों और बारातों में।
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
Show comments
सभी देखें
जरुर पढ़ें
ग्लोइंग स्किन के लिए चेहरे पर लगाएं चंदन और मुल्तानी मिट्टी का उबटन
वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन
गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे
वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे
सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व
सभी देखें
नवीनतम
इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग
The 90's: मन की बगिया महकाने वाला यादों का सुनहरा सफर
सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल
गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि
क्या आपका बच्चा भी चूसता है अंगूठा तो हो सकती है ये 3 समस्याएं
अगला लेख
मम्मियों, दुनिया के सारे बच्चे आपको आई लव यू कहना चाहते हैं