mothers day poem : मां, तुम मेरा सर्वस्व हो

Webdunia
Mothers Day 2021
 
मां, 
तुम्हारी स्मृति,
प्रसंगवश नहीं
अस्तित्व है मेरा।
धरा से आकाश तक
शून्य से विस्तार तक।
 
कर्मठता का अक्षय दीप
मंत्रोच्चार सा स्वर
अनवरत प्रार्थनारत मन
जीवन यज्ञ में 
स्वत: समिधा बन
पुण्य सब पर वार।
 
अवर्णनीय, अवर्चनीय
तुम सर्वस्व हो
सृष्टि हो मेरी!

ALSO READ: मातृ दिवस पर कविता : अमृत का प्याला है मां

ALSO READ: mothers day poem : ईश्वर का रूप होती है 'मां'

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

लिवर में चर्बी जमा सकते हैं ये 10 फूड्स, क्या आप भी कर रहे हैं इनका सेवन?

हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ उम्र का असर भी कम करता है टोफू, जानिए क्या होता है और कैसे कर सकते हैं डाइट में शामिल

जानिए दाल सब्जी में नींबू की कुछ बूंदें निचोड़ कर खाने से शरीर को मिलते हैं क्या फायदे

40 के आस - पास इस तरह अपना खयाल रखने से, मेनोपॉज की तकलीफ को कर सकती हैं कम

स्किनकेयर टिप: ड्राई हो या ऑइली, दोनों स्किन टाइप पर ग्लो लाएगा ये एंटी एजिंग फेस पैक

सभी देखें

नवीनतम

इन 6 तरह के लोगों को परेशान कर सकता है गर्मी का मौसम, जानिए बचने के इंस्टेंट टिप्स

हीटवेव अलर्ट: मौसम विभाग ने दी चेतावनी, जानिए लू से बचने के 7 आसान उपाय और किन्हें बरतनी चाहिए खास सावधानी

महावीर जयंती पर जानिए उनकी अद्भुत शिक्षाएं

एक बेहतर भारत के निर्माण में डॉ. अंबेडकर का योगदान, पढ़ें 10 अनसुनी बातें

अंबेडकर जयंती 2025: समाज सुधारक डॉ. भीमराव के जीवन की प्रेरक बातें

अगला लेख