Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मां पर 7 सुंदर कविताएं : वाणी का पहला सुर मां

Advertiesment
हमें फॉलो करें मां पर 7 सुंदर कविताएं : वाणी का पहला सुर मां
मां पर हाइकू
 
1. मां बात कर
सच और मीठी हो
मां चुप रही
2. माता की सेवा
कलश अमृत का
संसार कहे
-प्रतिभा श्रीवास्तव
 
स्नेह की रात तुम्ही ने बताई है
 
मां तुम ही मेरी जीवनदाता,
रक्षाकर्ता साक्षात भगवती हो
तुम ही कामधेनु सी इच्छित
वरदायनी लक्ष्मी व सरस्वती हो
जीवन जीने की कला,
मां तुम्हीं ने हमें सिखाई है
त्याग, साहस और स्नेह बाँटने की राह
तुम्हीं ने बतलाई है
प्यारी मां, तुम्हें शत्-शत् नमन.....
-सुमन अधिकारी
 
वाणी का पहला सुर
 
जीवनदात्री!
लहू से अपने सींचकर
जीव का पहला परिचय होती है मां
वाणी का पहला सुर होती है मां
मातृशक्ति का शिखर प्रमाण होती है मां
जग के नाथ - मां बिना अनाथ
-दिव्या मंडलोई
 
मां सा रिश्ता कोई और नहीं
 
दो लब मिले
‘मां’ बन गया
हम दोनों के बीच
अब कोई आता नहीं
लब से कोमल कोई और नहीं
मां से प्यारा रिश्ता
कोई और नहीं
-शांता पारेख
 
मां की यादें
 
जिसने जन्म और संस्कारों
भरा जीवन दिया
वह थी मेरी मां,
जिसकी अब यादें ही शेष हैं
कक्षा चार भले पढ़ी थीं,
चार पेज की चिट्ठी लिखतीं
चार पृष्ठ का लेख लिखूँ तब
मां याद आती विशेष है।
-डॉ. सुशीला सालगिया
 
मां का प्यार
 
मां,
धरती जैसा धैर्य
अग्नि जैसा तेज
वायु जैसा वेग
आकाश सी विशाल
जल सी शीतल
सबको समेटे मां का प्यार
बना रहे हम पर मां का हाथ।
-प्रेमलता मेहता
 
 
मां सृष्टि का विस्तार है
 
ॐ सा ही नाद मां का
गूँजता ब्रह्मांड में
सृष्टि मां से, मां ही सृष्टि,
मां सृष्टि का विस्तार है
मानव हो या पशु-पक्षी
कीट या पतंगे हों
मस्तिष्क विज्ञान से परे
ये ममत्व का संसार है।
-मंजू मिश्रा
 
साभार- मेरे पास मां है 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

11 मई को है पवित्र गंगा सप्तमी, जानिए कैसे पड़ा मां गंगा का नाम जाह्नवी