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मां पर हिन्दी में रचना : माँ तुझसे ही अस्तित्व मेरा

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प्रीति दुबे

, मंगलवार, 9 मई 2023 (12:51 IST)
प्रीति दुबे                                             
                                                           माँ तुझसे ही अस्तित्व मेरा 
तुझसे ही ख़ुशियाँ मेरी
तुझसे ही व्यक्तित्व मेरा
तुझ से ये “प्रीति “तेरी
 
ख़ुद गीले में सोकर तूने 
नींद सहेजी है मेरी
जीवन दे मुझको माँ तूने
काया गढ़ दी सुंदर मेरी
 
सुख स्वप्नों की नींद मैं सोई
माँ जब गाई तूने लोरी
सपनों की उड़ान भरी जब
तूने ही थामी माँ डोरी।
 
तू ही भोर तू संध्या मेरी
तू मेरा मान अभिमान मैं तेरी
कभी ना भूलूँ तेरी देहरी
भाग्य विधाता तुम ही मेरी
 
माँ मैं बस तुम-सी हो जाऊँ
रूप रंग सब तुम -सा पाऊँ
त्याग दया संयम औ समर्पण
सब सीखें हैं माँ बस तेरी।।
 
हर रिश्ता तुमसे ही जाना
क्या होता हर बंध निभाना
सब में सब-से होते कैसे?
तुमसी होकर बस माँ ये जाना।।
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