कई लोग होते हैं जो बड़ी-बड़ी डिग्रियां हासिल करते हैं यह सोचकर की कोई बड़ी नौकरी मिलेगी, प्रमोशन होगा और सपने पूरे होंगे पर कई बार ऐसा होता है कि सपने टूट जाते हैं और ऐसी नौकरी करना पड़ी है जो डिग्री के अनुसार नहीं होती है या कई बार ऐसा भी होता है कि नौकरी इतना टेंशन दे देती है कि हमें जीवन में कोई दूसरा रास्ता चुनना होता है। ऐसे में यह कहना होगा कि डीग्री ने सपने तोड़ दिए। हो बहुत सारे एमटेक या एमबीबीएस डिग्रीधारी लोग अपना खुद का बिजनेस खोलते हैं और वे वहां भी असफल हो जाते हैं। ऐसे में सकता है कि आप इसको लेकर फ्रस्टेड होकर डिप्रेशन में भी चले जाते हैं।
1. कई बार ऐसा होता है कि आपने जो सपना देखा था या न मालूम किस परिस्थित में आपने वह सपना देखा था कि कुछ बनूंगा लेकिन आप वह नहीं बन पाए जो आप बनना चाहते हैं तो आपको यह भी समझना चाहिए कि दुनिया में ऐसे कई महान लोग हुए हैं जो बनना कुछ और ही चाहते थे और बन कुछ और ही गए। आप उनके नाम आसानी से ढूंढ सकते हैं। बल्कि यह कहना होगा कि वे जो बनना चाहते थे उससे कहीं ज्यादा अच्छा बने हैं।
2. कई लोगों का सपना रहता है कि पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी करना और खूब रुपए कमाना। यदि आपका भी सपना रुपए कमाना है तो फिर आप ये ना सोचे कि मेरी डिग्री कुछ काम नहीं आई। रुपया तो और भी किसी अच्छे रास्ते से कमाया जा सकता है। लेकिन आपका सपना रुपए कमाकर अच्छी आरामदायक लाइफ गुजारना ही है तो कोई बात नहीं लेकिन कई लोग होते हैं जिनका लक्ष्य रुपए कमाना नहीं है बल्कि देश सेवा या समाज सेवा करना होता है और कुछ लोग प्रसिद्ध होना चाहते हैं तो उनके लिए रुपया कोई मायने नहीं रखता है।
3. जरूरी नहीं कि आपने जो डिग्री हासिल की है उसी के अनुसार काम करें। कंप्यूटर इंजीनियरिंग करने वाला बंदा किसी आईटी कंपनी में कार्य करने के बजाय खुद की कंपनी भी खोल सकता है या रेस्टोरेंट खोलकर सेटल हो सकता। एमबीए करके आप खुद की कोचिंग भी डाल सकते हैं या कोई कंपनी भी खड़ी कर सकते हो या कोई एनजीओ भी चला सकते हो।
4. कई बार ऐसा होता है कि इंजीनियरिंग करने में लाखों रुपए बर्बाद किए और कोई नौकरी नहीं मिली। डॉक्टरी करने में लाखों रुपए बर्बाद इसलिए किए क्योंकि पिताजी भी डॉक्टर हैं और वे भी चाहते हैं कि मेरा बेटा भी डॉक्टर बनें लेकिन बेटा चाहता है कि वह कोई फिल्मकार बने या आर्टिस्ट। ऐसे में कई बार डिग्री आपके सपनों के मार्ग में बाधा बन जाती है। लेकिन ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने डॉक्टरी की डिग्री हासिल की और वे अभिनेता बन गए। डॉ. श्रीराम लागू का नाम तो आपने सुना ही होगा। ऐसे कई डॉक्टर हैं जो श्रेष्ठ अभिनेता हैं ये थे।
5. यह बात अच्छे से समझ लें कि आप जो बनना चाहते हैं जरूरी नहीं है कि आप वह बन पाएं या नहीं बन सकें। हो सकता है कि यह अस्तित्व आपसे कुछ और ही चाहता हो या उससे भी अच्छा बनाना चाहता हो। ऐसे में आप यह ना सोचे कि मैं ये नहीं कर पाया या ये नहीं बन पाया। आप बस काम करने के बारे में सोचे कुछ बनने के बारे में नहीं। मतलब कुछ बनने नहीं कुछ करने के बारे में सोचे। कई बार ऐसा होता है कि जो मन का हो वह अच्छा नहीं होता जो मन का नहीं हो वह सबसे अच्छा होता है। हमें चयन करने के बजाय चयनित होने में मजा लेना चाहिए। डिग्री से आजाद होकर अपनी योग्यता को बढ़ाने के बारे में सोचेंगे तो सफल हो जाएंगे। सफल आदमी से उसकी डिग्री नहीं पूछी जाती। डिग्रियां हासिल करने में समय बर्बाद ना करें बल्कि कुछ करने में समय बर्बाद करें।