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Motivation : आपके जैसा दुनिया में कोई दूसरा नहीं तो फिर क्यों हैं निराश?

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अनिरुद्ध जोशी

परमात्मा ने आपके जैसा कोई दूसरा नहीं बनाया है। आप एकदम यूनिक या कहें कि अद्वितीय हो। जो सामर्थ आपमें है वह दूसरों में नहीं। भौतिक विज्ञान भी यही कहता है कि दुनिया में अंगूठा, आंख और जीभ का पैटर्न सभी का अलग अलग है। आपके जैसा दूसरा अंगूठा दुनिया में दूसरा नहीं मिलेगा। ईश्‍वर या प्रकृति के पास कोई सांचा नहीं है कि वह एक ही तरह के लोग बनाते रहे। उसने एक आदमी, प्राणी या पशु को एक ही बार बनाया है और फिर कभी भी दूसरी बार उसे नहीं बनाया। यकीन मानिए, आप जैसा न कोई इस दुनिया में हुआ है और न ही आने वाले वक्त में न होगा। ऐसे में यही कहना होगा कि आप अपनी इस यूनिकता का सम्मान करें और इसे समझें इसे नष्‍ट ना करें।
 
 
1. प्रत्येक व्यक्ति योग्य है परंतु अपनी योग्यता को नहीं पहचान पाने और उसका विकास नहीं कर पाने के कारण ही वह असफल है। 
 
2. आप खुद से रूबरू होकर खुद से प्यार करना जिस दिन सीख जाएंगे उस दिन से दुनिया आपसे प्यार करने लगेगी। जब हम स्वयं से रूबरू हो जाएंगे तो हमें जीवन में भौतिक लक्ष्य तलाशने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। हम स्वतः जीवन के मूल उद्देश्य को समझकर संमार्ग की ओर अग्रसर हो जाएंगे।
 
3. जब तक आप खुद को छोड़कर दूसरों में शांति, आनंद या सफलता को ढूंढेंगे तब तक आप जीवन में कुछ भी नहीं पा सकेंगे। दूसरे आपको जीवन में सफल नहीं कर सकते और दूसरों से ईर्ष्या करके भी आप जीवन में सपल नहीं हो सकते हैं। 
 
4. खुद को समझें और खुद से ही प्रतियोगिता करें, क्योंकि जब तक आप खुद से प्रतियोगिता नहीं करेंगे आगे भी नहीं बढ़ पाएंगे। 
 
5. आप यह भलिभांति जान लें कि ज्ञान दूसरों में या गूगल में नहीं है ज्ञान आपमें है तभी तो आप हैं और जिंदा है। अपने ज्ञान को पहचानें। 
 
6. जो स्वयं को नहीं समझ सकता, वो दुनिया को कितना समझ पाएगा? स्वयं को समझे बगैर आप कैसे ज्ञानी हो सकते हैं। यकीन मानिए, विश्व के सबसे सुपर कंप्यूटर का मालिक अमेरिका नहीं बल्कि आप हैं।
 
7. घबराइए नहीं, अडि‍ग रहिए, कुछ नया सीखते हुए आगे बढ़ते जाइए, मुसीबतें जीवन में अंत:शक्तियों को जागृत कर स्वयं को समझने का मौका देती हैं।
 
8. आप सोचिये की आपने कई कठिन समय भी भी रास्ता ढूंढा है और अब आप क्यों निराश हैं। आप क्षमता रखते हैं कि समाधान करने की क्योंकि आप यूनिक है।
 
9. जब आदमी जीवन में असफल होता है तो वह खुद को अकेला खड़ा पाता है। ऐसी स्थिति सबसे अच्छी होती है क्योंकि अकेला व्यक्ति ही खुद को समझने का मौका पाता है और रिफ्रेश होकर आगे बढ़ता है। 
 
10. शायद अगर आप आज उन पलों को याद करेंगे तो सहम उठेंगे और यह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि वह मैं ही था जिसने जिंदगी की इतनी कठिन परीक्षा पास की थी। लेकिन अब आप उन परिस्थितियों से उबर चुके हैं। इससे सिद्ध होता है कि आप में अटूट सामर्थ्य है, बस एक बार फिर स्वयं की शक्तियों को समझना पड़ेगा।
 
11. अब आपका समय है, जागिए, खड़े होइए और चलते ही जाइए। परमात्मा आपको कुछ नए मुकाम रचने के लिए भेजा है, क्योंकि आपके जैसा दुनिया में कोई दूसरा नहीं।

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