उल्लास.... क्या होता है जब आप इस शब्द को सुनते हैं, पढ़ते हैं, गुनते हैं, समझते हैं? एक चमक आती है चेहरे पर, एक तेज, ताजगी या तरंग लहराती है मन के कोने में और फिर पुलकित कर जाती है पूरे तन को.... जी हां बहुत जरूरी है इस शब्द को अपने जीवन में शामिल करना....इस एक शब्द के साथ ही जीवन में इतने सारे अच्छे और सुंदर शब्द चले आएंगे कि आप चकित रह जाएंगे।
यही है अच्छे शब्दों का जादू। इनको बोलने या सोचने भर से इनके असली अर्थ हमारे जीवन में खुलने लगते हैं। प्रसन्नता, आनंद, प्रकाश, झलक, चमक, हर्ष, खुशी, वैभव.... ये सब शब्द अपने सच्चे अर्थ के साथ जीवन में चाहिए तो उल्लास शब्द को गहरे तक महसूस कीजिए...अपने रोज के जीवन में इस शब्द का इस्तेमाल कीजिए...अपने सोशल मीडिया अकाऊंट से लेकर आपसी संवाद तक, खुद से लेकर परिवार तक और अपने साथ से लेकर हर बात तक इस शब्द को अपने भीतर पूरी अर्थवत्ता के साथ खोलिए....उल्लास शब्द आपके चेहरे पर चमकने लगेगा। यही शब्दों की ताकत है।
जब इस शब्द को आप जीने लगते हैं तो इस स्थिति में आ जाते हैं कि इसी शब्द को आप निराशा और अंधकार में डूबे इंसान के जीवन में रोपित कर सकते हैं।
पर पहले हमें इस शब्द का महत्व समझना होगा इस शब्द को जीने का सलीका सीखना होगा।
यह शब्द प्रेक्टिस में लाना होगा। चारों तरफ फैले नफरतों के जंजाल को तोड़ने के लिए यह 'शब्द-उल्लास' श्रृंखला का पहला और सबसे प्यारा, सबसे सार्थक शब्द है। हमें इस शब्द के साथ इसकी अनुभूति भी करनी होगी।
आपने इस शब्द को पढ़कर कैसा महसूस किया उससे ज्यादा मायने यह रखता है कि कितनी देर यह शब्द आपके साथ रहा, आपके साथ चला... आपके भीतर उतरा...इसकी सार्थकता तभी है, इसकी गुणवत्ता तभी है जब यह कायम रहे।
जब हम अच्छे सुंदर सार्थक शब्दों का प्रयोग खुद के साथ करते हैं तो हमारे आभामंडल से लेकर आसपास के वातावरण में भी, नभमंडल में भी उस शब्द से संबंधित सकारात्मक तरंगे उठने लगती हैं और फिर शब्द शब्द न रहकर एक प्रेरणा बन जाता है। उल्लास शब्द में खुशी है, सेलिब्रेशन है, सब कुछ अच्छा अच्छा है.... ठंडे और दबे हुए माहौल में यह शब्द रोशनी भरने की ताकत रखता है। खिलता, खिलखिलाता, खनकता और खनखनाता एक पूरा परिदृश्य है उल्लास शब्द में... इसे अपनाएं और एक बार अवश्य आजमाएं....