बेदिनी बुग्याल तक सड़क नहीं है। अतः पूरा रास्ता पैदल ही तय करना पड़ता है। अतः सैलानियों को यहां आने के लिए अपने साथ गर्म कपड़े, टेंट, ट्रैकिंग शूज, पीने का पानी, पैक खाना और दवाई आदि लेकर चलना चाहिए।
एक बार यहा पहुंचने के बाद आप वापस लौटना नहीं चाहेंगे। कारण है कि वादियों में खिले रंग-बिरंगे फूलों की मदहोश करती खुशबू, दूर तक फैली मुलायम हरी घास की चादरें सैलानियों को मदमस्त कर देती हैं।
यहां पहुंचने के लिए ऋषिकेश या नैनिताल से मंडोली होते हुए रूपकुंड तक वाहनों से पहुंचा जा सकता है। यहां से आगे का रास्ता पगडंडियों से जुड़ा है।
पूनम