भोपाल। मध्यप्रदेश में क्या कांग्रेस की जीत की राह में फिर एक बार दिग्विजय सिंह आड़े आ गए हैं। ये सवाल बसपा सुप्रीमो मायावती के उस बयान के बाद उठ खड़ा हुआ है। इसमें मायावती ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन न होने के लिए दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया है।
मायावती ने दिग्विजय को बीजेपी का एजेंट बताते हुए कहा कि सोनिया गांधी और राहुल चाहते थे कि बसपा के साथ गठबंधन हो और देश में भाजपा के खिलाफ एक महागठबंधन बने। लेकिन दिग्विजय सिंह ने गठबंधन नहीं होने दिया। इसके साथ ही मायावती ने मध्यप्रदेश में बसपा के अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया।
मायावती का ये बयान दिग्विजय सिंह के उस बयान के बाद आया है जिसमें दिग्विजय ने कहा था कि मायावती पर भाजपा ने सीबीआई जैसी अनेन जांच एजेंसियों से दबाव बनाया है। मायावती ने ये एलान ऐसे समय किया है जब मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ लगातार मीडिया से गठबंधन को लेकर मायावती से बात होने की बात कह रहे थे।
मायावती के अकेले चुनाव लड़ने से प्रदेश में कांग्रेस को चुनाव में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष के बनने के साथ ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार चुनाव में भाजपा के खिलाफ मध्यप्रदेश के सभी छोटे दल कांग्रेस के साथ आएंगे। लेकिन ठीक चुनाव से पहले कांग्रेस अकेले पड़ती दिख रही है। बसपा ने जहां अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया है।
वहीं समाजवादी पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरने जा रही है। ऐसे में ये तो तय है कि आने वाले चुनाव में भाजपा के खिलाफ इस बार फिर विपझ के वोटों में बिखराव देखने को मिलेगा।
भाजपा ने कांग्रेस को बताया डूबता जहाज : वहीं कांग्रेस और बसपा के साथ गठबंधन न होने पर भाजपा ने तंज कसा है। कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कांग्रेस को डूबता जहाज बताते हुए कहा कि डूबते जहाज में कौन सवारी करना चाहेगा। उन्होंने मायावती को समझदार नेता बताते हुए कहा कि आज के समय में कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं करना चाहता है।