Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कांटे के मुकाबले में उम्मीदवारों को डरा रही है मतदाताओं की चुप्पी

हमें फॉलो करें कांटे के मुकाबले में उम्मीदवारों को डरा रही है मतदाताओं की चुप्पी
webdunia

मुस्तफा हुसैन

मंदसौर संसदीय क्षेत्र जिसमे आठ विधानसभा सीटे आती हैं। इन आठों सीटों पर चुनावी रण सज चुका है और दोनों प्रमुख राजनैतिक दल भाजपा और कांग्रेस पूरी तरह मोर्चा संभाल चुके है। इन आठों सीटों पर घमासान है मतदाता खामोश है। जमीन पर कोई लहर नहीं है। ऊंट किस करवट बैठेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता।
 
 
इन आठों सीटों का जायजा लेने के बाद एक ख़ास बात जो सामने आई, वह यह है कि जमीन पर किसानों का मुद्दा हावी है। यह क्षेत्र मूलत: खेती किसानी वाला इलाका है, जो देश में अफीम, इसबगोल, सोयाबीन, लहसून और प्याज की खेती के लिए जाना जाता है और यहां प्रदेश की बड़ी कृषि उपज मंडी नीमच, मंदसौर और जावरा है।
 
यहां से करीब चालीस देशों में विभिन्न प्रकार की जिंसे सप्लाय होती है। इन आठों सीटों के जिस किसी गांव में जाओ, किसान कहते हैं कि फसलों के दाम नहीं मिल रहे, दूध के दाम गिर गए, पोस्तादाना का भाव नहीं मिल रहा, डोडा चूरा की खरीदी सरकार ने बंद कर दी है।
 
यह वो जगह है, जहां से किसान आंदोलन शुरू हुआ था और पुलिस की गोली से 6 किसान मारे गए थे। ऐसे में कांग्रेस इसे मुद्दा बना रही है। जब यह संवाददाता मंदसौर विधानसभा क्षेत्र के गांव डेहरी पहुंचा तो वहां हमारी मुलाक़ात कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र नाहटा से हुई। वे कहते हैं कि यह वो ज़मीन है, जहां किसानों का खून बहा, गाँव के हालात बिगड़े हैं। किसानों को इस सरकार ने कहीं का नहीं छोड़ा। 
 
जब हम नीमच जिले की मनासा विधानसभा में पहुंचे तो हमारी मुलाक़ात कांग्रेस प्रत्याशी उमराव गुर्जर से हुई। वे बोले भाजपा सरकार में जेलें किसानों से भर गई। किसानों ने जब पानी माँगा तो उन पर झूठे मुकदमे लगा दिए गए। 
 
जब यह संवाददाता मध्यप्रदेश के आखरी छोर पर बसे सिंगोली घाटे पर पहुंचा तो यहां जावद विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार अहीर वोट मांग रहे थे। वे बोले किसानों पर अत्याचार की इंतेहा हो गई, किसान बदलाव का मन बना चुके हैं। 
 
ज़मीन पर खामोशी और कांग्रेस के हमलों के बीच भाजपा उम्मीदवार विकास को अपना मुद्दा बनाए हुए हैं। जावद विधानसभा सीट से कद्दावर नेता और चौथी बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरेंद्र कुमार सखलेचा के बेटे ओमप्रकाश सखलेचा राजनगर गांव में जनसम्पर्क कर रहे थे। वे बोले हमने विकास को गांव तक पहुंचाया है। डिजिटल इंडिया को गांव तक ले गए हैं। बिजली गांव में पहुंचाई है। कांग्रेस किसानों को 60 साल में बिजली, पानी और सड़क नहीं दे सकी। 
 
जब हमें मंदसौर विधानसभा से भाजपा प्रत्याश यशपाल सिसोदिया से दलौदा में मिले तो वे दो टूक बोले किसान आंदोलन और किसानों का गुस्सा कांग्रेस के मगज में है, जमीन पर ऐसी कोई बात नहीं। 
 
यदि हम बड़े नेताओं की बात करे तो फ़ार्म वापसी के बाद चुनाव के इस पहले फेज़ में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां दो सभाएं कर चुके हैं। उन्होंने अपने भाषण में कहा जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के बाद मंदसौर में किसानों की मौत सबसे बड़ा नरसंहार है जबकि भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मोर्चा सम्भाले हुए हैं। उन्होंने यहां तीन आम सभाएं की और कांग्रेस के हमलों के जवाब में कहा कि जो काम हमने किसानों के लिए किए, वो कांग्रेस आज तक नहीं कर पाई।
 
कुल मिलाकर जमीन पर मुकाबला कांटा जोड़ है पर मतदाता चुप है और आमतौर पर मतदाताओं की चुप्पी सत्ता पक्ष के खिलाफ मानी जाती है, फिर भी राजनैतिक दलों के दावों की सच्चाई का पता 28 नवम्बर को चलेगा की वकत बदलाव का है या नहीं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

उत्तराखंड में बड़ा हादसा, गहरी खाई में बस गिरने से 14 लोगों की मौत