Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सतना में बवाल, सत्ता के लिए चिंता का सवाल...

हमें फॉलो करें सतना में बवाल, सत्ता के लिए चिंता का सवाल...

प्रीति सोनी

मध्यप्रदेश में चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। चुनावी साल की शुरुआत से ही हड़ताल, धरने और प्रदर्शन जैसी चीजों से भाजपा का सामना होता आ रहा है, जो इस समय सत्ताधारी पार्टी है। उसके बाद प्रदेश में बढ़ते अपराधों ने समाज के साथ-साथ सरकार को घेरना भी शुरु किया और अब एक और बड़ी समस्या एससी एसटी एक्ट के विरोध के रूप में सवर्ण आंदोलन की है जो सरकार की नाक में दम किए हुए है।
 
हाल ही में सतना में मुख्यमंत्री की सभा से पहले हुए उग्र आंदोलन और जन आशि‍र्वाद यात्रा पर हुए हमले के बाद यह मामला और भी तूल पकड़ता नजर आ रहा है। इससे पहले भी शिवराज की जन आशिर्वाद यात्रा के दौरान लोग मुखर होते नजर आ चुके हैं लेकिन सतना में हुए बवाल ने मामले को हवा देने का काम किया है। 
 
हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पूरे मामले में ठीकरा कांग्रेस के सिर फोड़ा है और कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ को निशाना बनाते हुए गंभीर आरोप भी लगाए हैं। इस बवाल के बाद भाजपा को आरोप-प्रत्यारोप का मौका मिल गया है, तो वहीं कांग्रेस कहीं न कहीं इसे अपने पक्ष में बन रहे माहौल की तरह देख रही है।
 
लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि जातिवाद के मामले में जनता के निशाने पर सिर्फ भाजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस भी है। कुछ क्षेत्रों में कांग्रेस नेताओं के विरोध के रूप में यह साबित भी हो चुका है। लेकिन यह चुनौती बीजेपी के लिए ज्यादा बड़ी है क्योंकि वह अभी सत्ता में है। 
 
बहरहाल जो भी हो, लेकिन सवर्ण आंदोलन और सवर्ण समाज के रूप में फिलहाल तो प्रदेश सरकार के सामने बड़ी चुनौती है, और यह देखना वाकई दिलचस्प होगा कि इस चुनौती से सत्ताधारी और विपक्ष दोनों ही, कैसे निपटते हैं।   

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कमलनाथ मध्यप्रदेश में रच रहे हैं हिंसा की साजिश, भाजपा का बड़ा आरोप