चिड़ियों के लिए रंगबिरंगे खूबसूरत घरौंदे बनाने वाला डॉक्टर

स्वरांगी साने
लोग अपना ही कुनबा बनाने में लगे रहते हैं लेकिन पुणे के एक डॉक्टर को पक्षियों की भी चिंता है। होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अमोल सुतार को वैसे तो उतना समय नहीं मिल पाता लेकिन जब भी, जितना भी समय मिलता है वे उस समय का सदुपयोग पक्षियों के लिए घरौंदे बनाने में करते हैं और इसमें उनकी पत्नी उर्वि तथा बेटा अद्वैत भी साथ देता है।
 
कई लोग चिड़ियों के लिए दाना-पानी रखते हैं। कहते हैं घर में चिड़िया द्वारा घोंसला बनाना शुभ होता है, जिस घर में चिड़िया या गौरैया घोंसला बनाती है, वहाँ सुख-समृद्धि आती है। डॉ. अमोल ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ को अमल में लाते हुए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को दे देते हैं ताकि वे अपने घरों के आसपास के वृक्षों पर उन्हें लगाएँ। इतने सालों में उनके सारे दोस्तों-रिश्तेदारों तक उनका यह उपहार पहुँच चुका है। अब वे सड़क किनारे जहाँ वृक्ष दिखता है, वहां बर्ड होम टांग देते हैं।

इसे किसी पेड़ पर ऐसे बांधा जाता है कि तेज़ हवा और वर्षा में घरौंदे का सामने वाला भाग प्रवाह के विपरीत दिशा में हो। डॉ. सुतार भी प्रवाह के विरुद्ध काम कर रहे हैं, जब लोग अपना घर भरने में लगे हैं वे बड़े चुपचाप इस तरह की सेवा कर रहे हैं, जिसके बदले में उन्हें कुछ नहीं चाहिए। शीत ऋतु के अंत और वसंत ऋतु के प्रारंभ में जब पक्षी घोंसला बनाने की तैयारी में होते हैं तब उन्हें घर तैयार मिल जाए, ऐसी कोशिश रहती है। चूज़ों के जन्म लेने और उड़ जाने के बाद बर्ड होम को उतारकर सफ़ाई कर फिर से उसी स्थान पर टांगा जा सकता है।  
 
बर्ड होम बनाने के लिए प्लाय बोर्ड, डोरी और रंग लगता है। वे बताते हैं आम के मौसम में लोग आम की पेटियाँ खरीदते हैं तो उसकी लकड़ी भी काम में लाई जा सकती है। यदि वह ख़त्म हो जाती है तो हार्डवेयर की दुकान से प्लाई ले आते हैं। सुंदर, सजीले ‘होम’ बन जाने के बाद बेटा अपने नन्हे हाथों से उन छोटे घरों को रंगने का काम बड़ी लगन से करता है। वे कहते हैं डॉक्टरी की पढ़ाई तो लंदन से की लेकिन बर्ड होम बनाना यू-ट्यूब से सीखा और उसमें अपनी कला और अपने आइडिया भी जोड़े।

बर्ड होम के साथ वे लकड़ी के कई छोटे आर्टिकल्स भी बनाते हैं और मित्रों को बाँटते हैं। यह उनकी कला है, जिसका वे मोल-भाव नहीं करते। पेशेवर हुनरमंद की तरह वे इसे बनाते हैं, लेकिन यह उनका पेशा नहीं, शौक है। वे कहते हैं घरौंदों में नन्हीं चिड़िया की चिहुक सुनने पर जो खुशी मिलती है उसे बयान नहीं किया जा सकता।

चित्र सौजन्य :  स्वरांगी साने
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

नवरात्रि दुर्गा पूजा के फलाहार, जानें 9 दिनों के व्रत की रेसिपी

अप्रैल फूल डे 2025 से जुड़े 20 अनोखे और मजेदार फैक्ट्स जो आपको हैरान कर देंगे

गुड़ी पड़वा विशेष: गुड़ी पर क्यों चढ़ाते हैं गाठी/पतासे का हार, जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

Chaitra navratri diet: नवरात्रि में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल? जानें सही डाइट टिप्स

चैत्र नवरात्रि में घर के वास्तु दोष दूर करने के लिए करिए ये सरल उपाय, मां दुर्गा की बरसेगी कृपा

सभी देखें

नवीनतम

बैठते या खड़े होते समय चटकती हैं पैरों की हड्डियां? जानिए इसके 5 बड़े कारण

ईद के इस चांद की तरह दमकता रहे आपका हर दिन, रब से बस यही दुआ मांगते हैं ईद के दिन... खास अंदाज में कहें ईद मुबारक

सुबह उठते ही लगती है तेज भूख? जानिए इसके 5 चौंकाने वाले कारण और राहत के उपाय

Gudi padwa Essay: गुड़ी पड़वा पर आदर्श निबंध हिन्दी में

गुड़ी पड़वा पर क्यों खाई जाती है कड़वी नीम और गुड़, जानिए सेहत को मिलते हैं क्या फायदे

अगला लेख