ब्लॉगिंग का बदलता स्वरूप

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी
# माय हैशटैग
- नए-नए विषय के ब्लॉग्स शुरू हो रहे हैं।
- ब्लॉग में वीडियो का चलन बढ़ता जा रहा है।
- अनेक ब्लॉगर्स सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय हैं।
- महिलाएं बड़ी संख्या में ब्लॉगिंग कर रही हैं। 
- बच्चे पहली कहानी और पहली कविता की तर्ज पर पहली ब्लॉग पोस्ट लिख रहे हैं।
 
पूरी दुनिया में लेखकों की तरह ही ब्लॉगर्स का भी अपना ही समुदाय है। ये ब्लॉगर्स अलग-अलग विषयों के ब्लॉग लिखते हैं। कई को इसमें महारथ हासिल है। मैं खुद डेढ़ दशक से भी अधिक समय से अपनी पर्सनल वेबसाइट पर लेखन कर रहा हूं, साथ ही करीब 8 साल से ब्लॉग भी लिख रहा हूं। एक ब्लॉगर के रूप में सम्मानित हो चुका हूं और देश-विदेश के कई ब्लॉगर सम्मेलनों में भी जा चुका हूं। पिछले कुछ दिनों से ब्लॉगिंग के क्षेत्र में तेजी से बदलाव आता जा रहा है। यह बात मैं खुद भी महसूस करता हूं और मेरे साथी ब्लॉगर भी। 
 
बीच के दौर में ब्लॉगिंग के क्षेत्र में नए-नए टूल्स जुड़ते गए। विषय विशेष के ब्लॉग्स के अलावा अनेक वीडियो ब्लॉग्स भी चलन में आए। कुछ समय से सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण ब्लॉग लेखन की गति प्रभावित हुई है। कई ब्लॉगर्स ने ब्लॉग लिखना कम कर दिया है या वे सोशल मीडिया पर ही अपना लेखन कर रहे हैं। अनेक ब्लॉगर्स ऐसे हैं, जो अपने ब्लॉग को तो लिख रहे हैं, लेकिन उसे लोकप्रिय बनाने के लिए उसके तमाम लिंक्स सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं। 
 
अनेक ब्लॉगर्स यू-ट्यूब पर आकर अपनी बात लिखने के बजाय बोलना ज्यादा पसंद करने लगे हैं। उनका कहना है कि लिखे हुए के बजाय बोले हुए को ज्यादा देखा जा रहा है। अनेक ब्लॉगर्स फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी ब्लॉगर्स पहले नजर आने लगे हैं और कुछ ब्लॉगर्स तो ऐसे हैं, जो पोडकॉस्टिंग एप्स का इस्तेमाल करके लाइव प्रसारण भी कर रहे हैं। 
 
इंटरनेट पत्रकारिता के शुरू के दिनों में रही कनेक्टिविटी की समस्या अब नहीं है। 3जी और 4जी के आने के बाद अपनी बात कहना आसान हुआ है और सबसे बड़ी बात यह है कि अब मोबाइल ने सिनेमा और टीवी के स्क्रीन का समय भी चुराना शुरू कर दिया है। 2017 में बॉलीवुड की फिल्मों के जो टिकट बिके हैं, उसकी तुलना 2013 के फिल्मों की टिकट बिक्री से की जा रही है। 
 
अनेक लोगों ने अपने ब्लॉग्स को वेबसाइट में तब्दील कर दिया है। इसका एक कारण यह है कि अब वेबसाइट संचालित करना बजट की सीमा के भीतर है। एक जमाने में बच्चों की लिखी पहली कहानी और पहली कविता की तरह ही अब आजकल के बच्चे अपना पहला ब्लॉग या पहली वेबसाइट जैसे उपक्रम करने लगे हैं। पहले कभी इसकी कल्पना नहीं की थी। यहां तक कि स्मार्टफोन के जरिए बच्चे अपने वीडियो बनाकर शेयर करने लगे हैं। बच्चों के ब्लॉग लेखन को एक रचनात्मक गतिविधि की तरह स्वीकार किया जाने लगा है। ब्लॉग के साथ ब्लॉग पोस्ट पर कमेंट जैसी बातें भी आने लगी हैं। 
 
अंग्रेजी के साथ-साथ भारतीय भाषाओं में भी ब्लॉगिंग बढ़ती जा रही है। इसी के साथ जेंडर, पर्यावरण, मोटरिंग, फाइनेंस, एजुकेशन जैसे विषयों पर तो कई तरह के ब्लॉग्स शुरू हुए ही हैं। पर्यटन और खानपान को लेकर अनेक लोगों ने ब्लॉग शुरू किए हैं। खास बात यह है कि खानपान के ब्लॉग्स महिलाओं द्वारा लिखे और संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से कई महिलाएं तो ऐसी हैं, जो आमतौर पर अपने घरों में ही रहती हैं। आगामी 5 सालों में ब्लॉगिंग का स्वरूप एकदम बदला हुआ होगा। नए विषयों पर नए लोगों के ब्लॉग लोगों का ध्यान खींचते रहेंगे। अपेक्षा की जा सकती है कि वह सब होगा जिसकी अभी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। 
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