Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कोरोना काल की कहानियां : कैसे जीता बीमारी की दहशत को....

हमें फॉलो करें कोरोना काल की कहानियां : कैसे जीता बीमारी की दहशत को....
webdunia

डॉ. छाया मंगल मिश्र

सोशल मीडिया पर पुष्पा ने अपने खूबसूरत डांस का वीडियो अपनी प्यारी छोटी बहन को तोहफे के रूप में अपलोड किया था। उससे वादा किया था इस तोहफे का। पर कोरोना ने घेर लिया और वो वादा न निभा सकीं। पर जैसे इसी के लिए वो कोरोना से विजयी हुईं हों, तुरंत पहली फुर्सत में वचन निभाया और उसकी ख़ुशी से जीने का आनंद दुगुना हो गया।सभी उनकी जिन्दादिली की तारीफ करते नहीं थकते। पुष्पा हमेशा खुशमिजाज, सकारात्मक सोच की मालकिन है, जिंदगी को जम कर जीना उसकी आदत है और यही सकारात्मकता और बहादुरी उनका शस्त्र बनीं और सामान्य बीमारियों की तरह इससे भी उन्होंने मुकाबला किया और अपनी पुरानी जिंदगी की तर्ज से फिर से सुर ताल लय बैठा ली....
 
कोरोना काल हम सब पर भारी है,पर ऐसा जरुरी तो नहीं कि आज उनकी तो कल हमारी बारी है। वैसे भी जिंदगी तो बेवफा है एक दिन ठुकराएगी, मौत महबूबा है अपने साथ ले कर जाएगी। पर मर के जीने की अदा यदि हमें आ जाए, तो जिंदगी से इश्क का मजा दुगुना हो जाए। दुर्घटना से सावधानी भली. ऐसा नहीं है कि कोरोना होने की दहशत ही हमें बेचैन किए है। उसे हरा कर लौट आने के बाद का जीवन-सफर भी उतना ही जटिल महसूस होता है।
 
प्रतिभा भाभी को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया था। वे अकेली रहतीं हैं। जिंदादिल, हंसमुख, मस्त स्वभाव के कारण हर संकट का मुकाबला करतीं हैं, समस्या का समाधान भी खोजतीं हैं। पर असर यह है कि कोरोना की दहशत और खौफ ने उन्हें थोडा उदास कर दिया है। मिलीं तो कहने लगीं पता नहीं अब फिरसे पहले जैसी स्वस्थ हो पाऊंगी कि नहीं? बहुत ज्यादा कमजोरी आ गई है। कुछ नहीं कर पा रही। मन है कि उचाट हो रहा है। मोह-माया की तृष्णा भी अब कसक बन रही।उन्हें लगने लगा अब वो किसी काम को करने लायक नहीं। लोगों की नज़रों में उनके लिए उपजा दया का भाव उन्हें सालता, उन्हें लगता जैसे मौत ने उन्हें दया का पात्र बना कर छोड़ दिया। फिर उनकी मुलाकात पुष्पा से हुई। उसने भी वही कष्ट भोगा जो अन्य कोरोना रोगियों ने। पर उन्होंने जीने का अंदाज ही बदल लिया। ईश्वर ने उन्हें जो जिंदगी वापिस दी, उसे उन्होंने प्रसाद समझ कर ग्रहण की और हर पल को सुखद और सकारात्मक बनने का संकल्प किया।
 
खिलखिलाती पुष्पा ने प्रतिभा भाभी को कहा कि ‘अपनी पुरानी फोटोज देखो। अपने शौक फिर से जिन्दा करो। पुरानी यादों की खुशियों को याद करो। कमजोरी तो अन्य बीमारियों में भी आती है। थकन तो हर बुखार में भी आती है। इम्युनिटी तो हर बीमारी के दौरान कमजोर पड़ती है। डेंगू में भी क्या कम खतरा होता है? बीमारी तो नाम ही ख़राब है। फिर भी लाचारी बेचारगी कोई निदान तो नहीं। ‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत...’ भाग्यवान हो जो प्रभु ने दूसरा मौका दिया जीने का। अपने सारे बचे हुए अरमान पूरे करो।  प्रतिभा भाभी को बात समझ आई। उन्होंने तुरंत खुद की हिम्मत को समेटा और खड़ी हो गईं। 
 
इससे भी जो जरुरी बात है वो है आत्म शक्ति की। इसकी कोई दावा, गोली, इंजेक्शन नहीं होते, न हीं किसी दुकान से ख़रीदी जा सकती है। केवल आप खुद इसके मालिक हैं। इसे पहचानने की विधा भी आपके ही पास है। सुकून से जीना इसकी पहली शर्त है। यदि प्रभु ने आप पर जिंदगी देने की पुनः कृपा की है तो आप किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए यहां वापिस आए हो। इसकी कद्र करें और यथा शक्ति, यथा संभव जीवन साकार करें। 
 
पर्यावरण के लिए, बच्चों के लिए, महिलाओं, लाचार व्यक्तियों के लिए, मासूम पक्षियों के लिए, प्राणियों के लिए और कुछ अनोखा अलग प्रकृति और परिजन का कर्ज चुकाने के लिए आपको ये जिंदगी का तोहफा मिला है। भाग्यशाली हैं आप। इसे भरपूर जियें निश्छल, निस्वार्थ और प्रेम से भरपूर। निराशा और हताशा के अंधेरे में अपनी उम्मीदों और आशाओं के दीप न बुझने दीजिये। क्योंकि ये जिंदगी अब आपकी नहीं ईश्वर की दी हुई मोहलत है।  जिसे आपको इनाम के रूप में बितानी है...हिम्मत से...उम्मीदों से...अपने लिए...अपने अपनों के लिए...

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Corona Lifestyle: घर पर रहकर Weight Loss करें, डाइट में शामिल करें ये 4 चीजें