नेशनल डायनासोर पार्क

संजय वर्मा 'दृष्ट‍ि'
धार जिले बाग के निकट ग्राम पाड़ल्या में दो और अंडास्थलियां ढूंढ निकाली और इस तरह अब धार जिले में कुल चार डायनासोर नेस्टिंग साईट हो गई हैं। डायनासोर के अंडों के अलावा सितारा मछली, जीव जंतुओं के जीवाश्म, शंख, पेड़ों के जीवाश्म आदि बहुत से जीवाश्म संपदा को एकत्रित करने के उपरांत संरक्षित करने हेतु इस क्षेत्र को ईको सेंसेटिव क्षेत्र के साथ नेशनल डायनासोर पार्क बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है, जो की प्रशंसनीय कार्य है।
फॉसिल साईट की खोज करने वाले जीवाश्म खोजी, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं एवं उनकी टीम को बधाई, जिन्होंने वर्षो की मेहनत बाद जिले में खोज का श्रेय प्राप्त किया। म.प्र में पाए जाने वाले जीवाश्म की जानकारियों को शिक्षा के पाठ्यक्रमों में जोड़ा जाना चाहिए।

इनकी सुरक्षा बेहतर तरीके से होना चाहिए, ताकि क्षेत्र की भौगोलिक एवं फॉसिल की जानकारियों से ज्ञानार्जन में वृद्धि हो सके। उल्लेखनीय है की बाग का नाम पहले ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाग प्रिंट, बाग गुफाओं, आदिवासी लोक संस्कृति भगोरिया पर्व नृत्य में अपनी पहचान स्थापित कर चुका है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीवाश्म पर शोध करने वालों के लिए नेशनल डायनासोर पार्क एक अनुपम सौगात होगी।
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