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हिज़ाब मामला : धर्म जाल में मत फंसो...

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दीप्ति शर्मा

सुबह-सुबह अखबारों में हिज़ाब सबंधी ख़बरों को पढ़कर मन बहुत खराब होता है। जहां शिक्षा का स्तर और बढ़ाने की ज़रूरत है, बच्चे दिन पर दिन पिछड़ते जा रहे हैं, हमें हर रोज कोई न कोई मुद्दा दे दिया जाता है कि चलो आप लोग आपस में झगड़ों नहीं तो आपका दिमाग देश की तरक्की और अर्थव्यवस्था की ओर चला जाएगा।
 
 पत्रकार समाज अपने अपने विचार लिखकर तैयार हो जाते हैं, विशेषज्ञों को विचार विमर्श के लिए टीवी पर बिठाया जाता है, आम जनता लोग सुनते हैं, और इन्ही बातों पर बातें करते करते पूरा दिन,महीने बिता देते हैं। पता नहीं कहाँ जा रहे हैं हम ।एक की देखा देखी बाकी लोग भी वहीं हरकत करना शुरू कर देते हैं। भाई हमें लड़ना जो है वरना हमें अपने धर्म के विरुद्ध मान लिया जाएगा। मतलब हद्द है! 
 
मैं किसी विशेष धर्म और समुदाय की बात नहीं कर रही, और न ही किसी पत्रकार और न ही किसी विशेष पोलिटिकल पार्टी की तरह एक तरफा सोच रखना चाहती हूँ।बल्कि इस तरह के तुच्छ मुद्दे मुझे अच्छे ही नहीं लगते।जब मैं स्कूल में थी तब कॉलेज में सिख समुदाय के लड़के पग बाँध कर आते थे, तब मैंने मुस्लिम ल़डकियों को हिजाब में नहीं देखा था। हाँ कॉलेज में जरूर देखा था कुछ ल़ड़कियों को, पर ना स्कूल में कुछ फर्क़ पड़ा और न कॉलेज में। 
 
आज भी तमाम स्कूल में कई मुस्लिम लड़किया पढ़ाई करती हैं बिना हिजाब के, सिख लड़के पढ़ते हैं पग के साथ, क्या वाकई हमने आज तक इस बात पर गौर किया था? सच बोलिए? नहीं?  फिर अचानक यह आग क्यों? आज हिजाब पर लड़ाई करवा दी कल पग पर करवाएंगे।
 
 यार, समझो! यह सब क्या वाकई जरूरी है, अगर एक रंग के हिजाब या पग का बोले तो मान लो, सर ही तो ढकना है इससे क्या फर्क़ पड़ेगा या नहीं पड़ेगा। याद रखो इस धर्म जाल में मत फंसों , धर्म का सम्मान अपनी जगह है,  और शिक्षा का अपनी जगह। और अगर कोई हिजाब पहनकर आना चाहता है तो स्कूल यूनीफॉर्म के कलर का पहनने दो ना। जिसे पहनना है पहने, नहीं पहनना न पहने। इसे पहनना या नहीं पहनना अनिवार्यता की श्रेणी में डालना जरूरी नहीं है। सभी मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनती भी नहीं है । क्यों फालतू मुद्दे बढ़ाते चढ़ाते रहते हो। वाकई क्या हम आम जनता को इतना फोकट समझ लिया है कि हम अब यही सब बातों में उलझे रहें। मतलब वाक़ई घटिया सोच !!
 
हमें शिक्षा पानी है अपना भविष्य संवारना है, इन्हीं सब बातों में उलझे रहे तो हो गया विकास...
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