Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्‍या ‘कोरोना’ पूरी ‘दुनिया को कंट्रोल’ करने के लिए रची गई ‘साजिश’ है?

हमें फॉलो करें क्‍या ‘कोरोना’ पूरी ‘दुनिया को कंट्रोल’ करने के लिए रची गई ‘साजिश’ है?
webdunia

नवीन रांगियाल

कुछ दिनों पहले व्‍हाट्सएप्‍प पर एक मैसेज वायरल हुआ था जिमसें कहा गया था कि कोरोना वायरस दुनिया के कुछ लोगों द्वारा रची गई एक ‘साजिश’ है। वे चाहते हैं कि दुनिया की जनसंख्‍या आधी रह जाए। इसके साथ वे पूरी दुनिया के लोगों में ऐसी आदत डालना चाहते हैं कि आने वाले वक्‍त में इन्‍हीं साजिशकर्ताओं के हिसाब से दुनिया ‘कंट्रोल’ हो।

मसलन, लोगों की घर में रहने की आदत पड़ जाए, जब सरकार कहें तभी वे घर से बाहर निकले। जो भोजन और मेडि‍सिन खाने के लिए कहा जाए लोग वही खाए और पि‍एं।

लोग डि‍प्रेशन और तनाव में रहें। उनका आत्‍मविश्‍वास खत्‍म हो जाए।

‘पोस्‍ट कोरोना’ यानि कोरोना के बाद के दौर को देखें तो बहुत हद तक ऐसा हुआ है कि दुनिया पूरी तरह‍ से बदल चुकी है।

अब हम जिस युग में रहते हैं वो ‘कोरोना युग’ है।

अब हम अपनी जिंदगी को दो हिस्‍सों में बांटते या देखते हैं। एक प्री-कोरोना और दूसरा पोस्‍ट-कोरोना।

सोशल मीडि‍या में वायरल हुए उस मैसेज में अगर जरा भी सच्‍चाई है तो जेहन में एक ही सबसे बड़ा सवाल उठता है कि कोरोना की इस त्रासदी के बाद हमारी जिंदगी क्‍या और कैसी होगी।

आइए, अनुमान लगाते हैं कैसी हो सकती है दुनिया और हमारी जिंदगी।

अब तक हम सारे काम पूरी ‘आजादी’ के साथ करते आए हैं, लेकिन कोरोना के बाद अब हम सिर्फ काम से ही घर से निकलते हैं। मास्‍क और सैनेटाइजर का इस्‍तेमाल करते हैं। इम्‍युनिटी बढ़ाने के लिए वो सब खाते हैं जिसके बारे में कहा गया है। कुल मिलाकर हमारी ज्‍यादातर आदतें बदल चुकी हैं, जिसके बारे में हमने कभी सोचा भी नहीं था।

तो क्‍या अब आने वाले दिनों में हमें यानि‍ मानव जाति को और भी ज्‍यादा कंट्रोल किया जाएगा। अगर यह साजिश सच है तो हमारी जिंदगी नर्क हो सकती है। क्‍योंकि कोई भी काम हम अपनी इच्‍छा से नहीं कर सकते हैं।

...तो क्‍या बदलेगा?

हवा
हो सकता है इस साजिश के तहत हवा पर आपका अधि‍कार खत्‍म हो जाए। यानि‍ हमारे आसपास चलने वाली हवाओं का बड़ी कंपनियां पैटेंट ले लें और भविष्‍य में हमें ऑक्‍सीजन के लिए पैसे चुकाने पड़े। जैसे आज बोतल में पानी बि‍कता है, किसने सोचा था पानी खरीदना पड़ेगा।

पेट्रोल
अभी हम अपनी मर्जी से वाहन में पेट्रोल का टैंक फुल करवा सकते हैं। हो सकता है, इसकी मात्रा तय कर दी जाए। इतने दिनों में इतना लीटर ही मिलेगा। इससे आपके सफर पर लगाम लग जाएगी।

प्रॉडक्‍ट
अभी हमारी आदत हो गई कि हम हैंड सैनेटाइजर, साबून और इम्‍युनिटी के लिए वही खरीद रहे हैं जो हमें डॉक्‍टरों ने बताया है। ठीक इसी तरह से अन्‍य उत्‍पादों के लिए हमें कंट्रोल किया जाए। चाहे वो खाने-पीने की हों या इस्‍तेमाल करने की चीजें।

सजा
हो सकता है आपके बाहर निकलने या यात्राएं करने के लिए टैक्‍स लगा दिया जाए। नियम तोड़ने पर सजा का प्रावधान हो। या आपके संपर्क में किसी के बीमार होने पर आपको सजा हो जाए।

निगरानी
आपके बाहर निकलने, खाने पीने, एंजॉय करने और अन्‍य गतिविधि‍यों की निगरानी की जाए। इसके लिए हो सकता है आपके शरीर में कोई चिप इम्‍प्‍लान्‍ट कर दी जाए जो आपकी लोकेशन बताए।

वर्क फ्रॉम होम
एक रिपोर्ट से अनुमान लगाया गया था कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद कई कंपनियां वर्क फ्रॉम होम के लिए राजी हैं। अब वर्क फ्रॉम होम एक ट्रेंड बन सकता है, क्योंकि वर्क फ्रॉम होम की स्थिति में कर्मचारी के लिए ऑफिस में कोई सेटअप की जरूरत नहीं है। इसके अलावा बिजली-पानी जैसे अन्य खर्च भी नहीं हैं। यानी ऑफि‍स खत्‍म हो जाएंगे।

नशा
लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी जिन लोगों को हो रही थी उनमें वे लोग शामिल थे जो रोजाना शराब और बीयर पीते थे, लेकिन पूरे लॉकडाउन में उन्‍होंने नशा नहीं किया। ऐसे में सरकार हमेशा के लिए शराब का उत्‍पादन ही बंद कर दें। नशा दुनिया से गायब हो जाए।

रोबोट
कोरोना के बाद संक्रमण से हर किसी को डर लगने लगा है, हो सकता है ऐसे संक्रमण से बचने के लिए कंपनियां काम के लिए आदमी की बजाए रोबोट का इस्‍तेमाल करें। इससे बेरोजगारी बढ़ेगी। आदमी की अहमियत कम होगी। या फि‍र गुलामी बढ़ेगी।

राजनीति
सत्ता की चाबी हासिल करने का जरिया अब तक बैलेट, बुलेट और धार्मिक मुद्दे रहा है। यह बदलेगा। चुनाव तो होंगे, लेकिन लोग भी उसी को जि‍ताएंगे, जो खुद को साबित करेगा। कोरोना ने दुनिया के दो नेता नरेंद्र मोदी और डोनाल्‍ड ट्रम्प को हार के कगार पर खड़ा कर दिया है। बिहार से लेकर बंगाल और व्हाइट हाउस तक चुनाव के नतीजे बदल सकते हैं।

मेकअप खत्‍म हो जाए
दुनिया में मास्‍क लगाने की आदत हो गई है, ऐसे में महिला और पुरुष का आधा चेहरा ढंका रहता है। हो सकता है लिपस्‍ट‍िक समेत अन्‍य मेकअप के साधन खत्‍म हो जाए।

गरीबी-भुखमरी
कोरोना के बाद ज्‍यादातर उद्योग धंधे बंद हो चुके हैं। ऐसे में हो सकता है कि लोग बेरोजगार हो जाए और दुनिया में भीख मांगने वाले और गरीब लोगों की तादात बढ़ जाए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नवरात्रि में अखंड दीप क्यों जलाते हैं, जानिए महत्व, लाभ, नियम, मंत्र और शुभ मुहूर्त