lockdown success story : लॉकडाउन में निखरी विद्यार्थियों की रचनात्मकता, बनाए 200 से अधिक वीडियो

संजय द्विवेदी
Makhanlal Chaturvedi University
 
मीडिया विद्यार्थियों ने 200 से अधिक वीडियो कार्यक्रम प्रोड्यूस किए
 
 
भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अपने पत्रकारीय अभिव्यक्ति के माध्यम से कोरोना वायरस के खिलाफ देशव्यापी जंग में अपना योगदान दे रहे हैं। मीडिया विषयों में डिग्री हासिल करने कई प्रदेशों के विद्यार्थी विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैं। इनमें से कई विद्यार्थी भोपाल में ही हैं तो कई अपने गृह स्थान जा चुके हैं, लेकिन लॉकडाउन की बंदिशें उनकी अभिव्यक्तीय रचनात्मकता को रोक नहीं पा रही हैं।
 
ई-क्लास के माध्यम से घर बैठे पाठ्यक्रम पूरा कर रहे ये भावी पत्रकार प्रोडक्शन फ्रॉम होम के अंतर्गत मीडिया प्रोडक्शन में लगे हैं। इन छात्रों द्वारा इस लॉकडाउन पीरियड में अभी तक 250 से अधिक वीडियो रिपोर्ट, वीडियो ब्लॉग, लघु फिल्म तथा संवाद तैयार कर चुके हैं। इनमें समाचार बुलेटिन, साक्षात्कार, समसामयिक फीचर तथा जागरूकता मूलक फिल्में भी हैं। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की प्रोडक्शन टीम एवं शिक्षकों के मार्गदर्शन एवं समन्वय से विद्यार्थियों द्वारा प्रोडक्शन फ्रॉम होम आधारित ये सामग्री डिजिटल माध्यमों पर प्रसारित है।
 
 
18 मार्च को जागरूकता मूलक वीडियो 'Awareness for Corona Virus' से चला यह सिलसिला 12 मई को नर्सिंग-डे की रिपोर्ट तक थमा नहीं है। विश्वविद्यालय के जनसंचार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, नवीन मीडिया, पत्रकारिता, जनसंपर्क एवं विज्ञापन, फिल्म प्रोडक्शन तथा मीडिया प्रबंधन विभागों के विद्यार्थियों ने लॉकडाउन के दौरान वर्चुअल प्रोडक्शन रूम के माध्यम से कोरोना जागरूकता पर विशेष फोकस रखा। विद्यार्थियों ने घर पर रहकर सीमित संसाधनों से कोविड-19 वायरस के खिलाफ 100 से अधिक जन-जागरण वीडियो ब्लॉग, रिपोर्ट लघु फिल्में और डिजिटल पोस्टर तैयार किए हैं। इन प्रोडक्शन में गरीब मजदूरों की व्यथा से लेकर सरकारी एडवायजरी, टिप्स और सावधानियां सम्मिलित हैं।

 
लॉकडाउन से पहले विभागों में संचालित हो रहे न्यूज रूम अब प्रोडक्शन फ्रॉम होम आधारित वर्चुअल न्यू रूम में बदल चुके हैं। वर्चुअल न्यू रूम से तैयार समाचार बुलेटिन जहां राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और प्रादेशिक समाचार होते हैं तो जिले से लेकर गांव तक के हाल भी मिल जाते हैं। इसके साथ ही प्रतिदिन समसामयिक विषयों, सूचनाओं, घटनाओं और मुद्दों पर विडियो रिपोर्ट भी तैयार होती है।

इस तरह के वीडियो फीचर्स में जहां सकारात्मक पर्यावरणीय परिवर्तन से ओजोन परत के छेद में भराव हो या स्वस्थ कर्मियों के साथ शर्मनाक व्यवहार हो सभी कुछ कवर हो रहा है। लॉकडाइन अवधि की विशिष्ट जयंतियों और दिवसों पर आधारित समाग्री भी अछूती नहीं रही, अकेले मातृ दिवस पर ही आधा दर्जन वीडियो तैयार किए गए। विद्यार्थी निर्मित यह सभी सामग्री सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अपलोड होती है।

 
प्रोडक्शन फ्रॉम होम के अंतर्गत विद्यार्थियों का यह कार्य वीडियो प्रोडक्शन तकनीक के सीमित रहते भी जारी है, क्योंकि विद्यार्थी मोजो (Mobile Journalism) तकनीक से परिचित हैं। उन्हें न तो कैमरा फेस करने से संकोच है और न ही अपने स्मार्ट फोन पर वीडियो एडिट करने में समस्या है।

मोजो विधा से ही समाचार बुलेटिन और विभिन्न प्रोडक्शन किए जा रहे हैं, वरिष्ठ स्तर पर तकनी‍की सहयोग विश्वविद्यालय की प्रोडक्शन टीम से मिलता है। इस अनूठे मीडिया लर्निंग प्रायोगिक कार्यक्रम में अभी तक 100 से अधिक विद्यार्थियों के व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों से 250 से अधिक वीडियो प्रोड्यूस हो चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय के छात्रों का सतत रूप से जारी यह रचनात्मक कार्य मीडिया कंटेंट में नए आयाम जोड़ रहा है।

 
(इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण 'वेबदुनिया' के नहीं हैं और 'वेबदुनिया' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Heart attack symptoms: रात में किस समय सबसे ज्यादा होता है हार्ट अटैक का खतरा? जानिए कारण

Navratri 2025 Essay: शक्ति और भक्ति का महापर्व नवरात्रि पर पढ़ें सबसे बेहतरीन निबंध हिन्दी में

Navratri food recipe: इस नवरात्रि बनाएं उत्तर भारत की लोकप्रिय कुट्टू की पूड़ी और आलू की सब्जी

Fat loss: शरीर से एक्स्ट्रा फैट बर्न करने के लिए अपनाएं ये देसी ड्रिंक्स, कुछ ही दिनों में दिखने लगेगा असर

Navratri food: नवरात्रि व्रत में ऊर्जा देगा यह फलाहारी हलवा, अभी नोट करें रेसिपी

सभी देखें

नवीनतम

Navratri 2025: नवरात्रि में लगाएं इन 5 फलों का भोग, माता को अतिप्रिय है ये प्रसाद

भारत की जिंदल स्टील, जर्मन कन्सर्न थ्यिसनक्रुप का इस्पात प्रभाग खरीदेगी

September 23 Day and Night Equal: आज दिन रात होंगे बराबर, जानें खगोलीय कारण और ज्योतिषीय महत्व

दुनिया के ये देश भारतीयों को देते हैं सबसे ज्यादा सैलरी, अमेरिका नहीं है No.1 फिर भी क्यों है भारतीयों की पसंद

Benefits of sugar free diet: 15 दिनों तक चीनी न खाने से शरीर पर पड़ता है यह असर, जानिए चौंकाने वाले फायदे

अगला लेख