Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मोदी शासन के 9 वर्ष: मोदी युग राष्ट्रीय नवाचार के नौ साल

Advertiesment
हमें फॉलो करें modi era nine years of national innovation
webdunia

विष्णुदत्त शर्मा

, मंगलवार, 30 मई 2023 (16:23 IST)
कभी एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया चलता है,  तो वह नीचे तक पहुंचते-पहुंचते मात्र 15 पैसे ही रह जाता है। स्व. राजीव गांधी का यह बयान भारत की साख पर एक घिनौना धब्बा बनकर दशकों तक चिपका रहा और भ्रष्टाचार का मुहावरा बन गया था। लेकिन 2014 के बाद यह दाग तब मिटा जब नरेंद्र भाई मोदी जी ने भारी जनादेश से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले ‘जनधन योजना’ के तहत हर गरीब का (लगभग 45 करोड़) बैंक खाता खोलने का परिवर्तनकारी नवाचार किया। परिणाम यह हुआ कि अंतिम व्यक्ति के लिए दिल्ली से चलने वाला 100 पैसा डीबीटी के जरिए गरीबों के खाते में सीधे जाने लगा।

अब कोई बिचौलिया गरीब का हिस्सा नहीं खा सकता। मोदी सरकार की यह पहली योजना राष्ट्रीय नवाचार की शुरुआत थी, जिसने पार्टी के अंत्योदय को साकार किया। नौ साल के अंदर देश भर में व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा हुआ है। एक ओर सड़कों का जाल बिछ रहा है,बड़े-बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं, वहीं, भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा है। मोदी सरकार निष्कलंक रूप से अपना राष्ट्रीय कर्तव्य निभा रही है। इसलिए मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल की यह एक महान आश्वस्ति है कि अब भ्रष्टाचार के लिए यहां कोई जगह नहीं बची।
 
पारदर्शिता और जवाबदेही किसी भी जन-हितैषी सरकार के दो आधार-स्तम्भ हैं। ये न केवल जनता को करीब लाकर सरकार से जोड़ते हैं, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में उन्हें समान रूप से अहम भागीदार भी बनाते हैं। अपने 9 साल के कार्यकाल में नरेन्द्र मोदी ने खुले व पारदर्शी शासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई है,  नीतियां बंद कमरों में बैठकर नहीं, बल्कि लोगों के बीच जाकर बनाने की परंपरा शुरू की है। अब नीतियों के मसौदे ऑनलाइन जारी होते हैं,ताकि जनता भी इनमें सहभागी हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। कार्यपालिका में पारदर्शिता लाने के प्रति मोदी जी का दृढ़ संकल्प और उनकी प्रतिबद्धता एक खुली, पारदर्शी और जन-केन्द्रित सरकार के युग की स्थापना को दर्शाता है।
 
ऐसी ही पारदर्शी कार्य-संस्कृति अपनाकर नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लकीर खींच दी है। वंशवाद और कमीशनखोरी से ऊपर उठकर राजनीति अब श्रमसाधना बन गई है। कड़ी मेहनत करते हुए मोदी जी ने राजनीतिक कार्य-संस्कृति में बदलाव ला दिया है। कथनी और करनी में अंतर की राजनीति का अंत हो चला है। इसलिए अब विरोधी नेता भी जनता के बीच जाकर पसीना बहाने लगे हैं। भारतीय राजनीति के भीतर यह सकारात्मक बदलाव मोदी जी के नवाचारों के कारण हुआ है। उनकी लोकप्रियता और जनता से जुड़ाव की अनूठी पहल राजनीतिज्ञों को जमीन से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है। भारत ही नहीं, विदेशी नेता भी मोदी-शैली से प्रभावित दिखते हैं। मोदी जी की कार्यप्रणाली का डंका सारी दुनिया में बज रहा है।
 
बीते नौ वर्षों में हुए राष्ट्रीय नवाचारों को समझने के लिए मोदी सरकार की स्वदेशी नीति को देखना होगा। स्वराज, स्वच्छता और स्वदेशी का नारा गांधी जी ने दिया था, जिसको साकार करने का काम मोदी युग में हुआ। सरकार ने मेक इन इंडिया के जरिए विनिर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवा गतिविधियों में 25 क्षेत्रों को चिन्हित करके उद्योगों के प्रति सरकार की ‘रेग्युलेटर’  छवि को बदला है। उद्योगों के साथ सरकार के व्यवहार में आमूलचूल बदलाव लाकर सरकार को सुविधाप्रदाता की भूमिका में लाया गया। यह योजना विश्व भर में संभावित निवेशकों तथा साझीदारों को ‘नये भारत' की विकास गाथा में भाग लेने के लिए एक खुला आमंत्रण देती है। इसके कारण बीते सालों में देश में कारोबार शुरू करना आसान हुआ है।
 
मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ योजना ने 27 सेक्टरों में महान उपलब्धियां हासिल की हैं। इसको विस्तार देते हुए देश को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर ले जाने का भगीरथ प्रयास भी मोदी सरकार ने किया है। सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता लाने की पहल हुई है। उदाहरण के लिए रक्षा क्षेत्र में प्रमुख स्वदेशी पहलों को देखें,  तो डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज, INS विक्रांत: एयरक्राफ्ट कैरियर, धनुष: लंबी दूरी की तोपें, अरिहंत: परमाणु पनडुब्बी और प्रचंड: हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर का निर्माण बड़ी उपलब्धि हैं। आज भारत की ब्रह्मोस, आकाश मिसाइल सिस्टम्स, रडार, सिमुलेटर, माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल्स, आर्मर्ड व्हीकल्स, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर, एम्युनिशन, थर्मल इमेजर, बॉडी आर्मर और एवियॉनिक्स आदि की दुनिया के कई देशों में मांग है। भारत के एलसीए तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट कैरियर की मांग भी कई देशों में बढ़ी है। हाल ही में रक्षा विभाग ने 928 उत्पादों की एक सूची जारी की थी, जिन्हें भारत में ही बनाया जाएगा। भारत की आत्मनिर्भरता से वैश्विक प्रभाव भी बढ़ा है और भारतीयों का मान भी।
 
आजादी के अमृत काल को ध्यान में रखकर मोदी सरकार देश को 2047 तक हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। मोदी ने चायनीज सामानों की आमद को कम करने का बीड़ा उठाया, जिसके परिणामस्वरूप बीते नौ सालों में हमारे स्वदेशी सामानों की मांग दुनिया भर में कई गुना बढ़ चुकी है। प्रधानमंत्री का नारा है ‘लोकल के लिए वोकल’। उनका संकल्प है कि भारत के लोगों के परिश्रम से बने सामान को मान-सम्मान मिले। देश की समृद्धि के लिए स्वदेशी अपनाकर भारत की कला, संस्कृति और सभ्यता को जीवित रखा जाये। इसका प्रभाव उस समय साफ तौर पर देखा गया जब हम खिलौने के विश्व में सबसे बड़े निर्यातक बन गये।
 
साल 2014 में अनेक चुनौतियों के बीच प्रधानमंत्री बनने के  बाद सामरिक व आर्थिक मोर्चों पर ही नहीं बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नरेंद्र मोदी जी ने अनेक नवाचार किये हैं। नौ साल के दौरान भाजपा सरकार द्वारा लायी गई योजनाओं के कारण समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों की जिंदगी में जबरदस्त बदलाव आए हैं। दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य मिशन के रूप में आयुष्मान भारत योजना से 23 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की गारंटी देना, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए 3.5 करोड़ घर बनाना और समय सीमा में 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाना, पीएम गरीब कल्याण योजना में 80 करोड़ लोगों को अनाज देना, 74 नए एयरपोर्ट, 54 हजार कि.मी. नए हाईवे का निर्माण, 7 नए आईआईएम-आईआईटी और 370 नए विश्वविद्यालय, सुशासन व विकास की दिशा में मील का पत्थर हैं।
 
भारतीयता के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू कर मोदी सरकार ने सच्ची स्वाधीनता की नींव रखी है। नौ साल पीछे मुड़कर देखें तो पता चलता है कि हमारे न जाने कितने प्रतिभाशाली खिलाड़ी अभाव के चलते आगे नहीं बढ़ सके, ‘खेलो इंडिया’ के माध्यम से देश का माथा दुनिया में ऊँचा हो रहा है। अंतिम पायदान पर खड़ा प्रतिभाशाली खिलाड़ी अब शीर्ष पर पहुंचकर अपने सपने पूरे कर रहा है। मोदी जी की रुचि,  उनके प्रोत्साहन और संवाद ने देश की खेल भावना को नई ऊंचाई दी है। आंकड़े गवाह हैं कि हर खेल में भारतीय खिलाड़ी इतिहास रच रहे हैं।
 
सरकार की योजनाएँ तब अद्भुत परिणाम देती हैं, जब उनको लागू करने वाले नेतृत्व की नीयत साफ हो। शीर्ष पद पर रहते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी ने किशोरों,  युवाओं,  दिव्यांगों,  महिलाओं,  बुजुर्गों,  उद्यमियों,  लोकसेवकों सहित सभी से संवाद का संबंध बनाया है। उन्होंने सभी वर्गों को मोटिवेट व जागृत किया है और पंचप्रण जैसे संकल्पों में सबका साथ लेकर भारत को परम वैभव के मार्ग पर पुनः उन्मुख किया है। प्रधान सेवक के तौर पर उनके इस अवदान को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। देश के लोकतांत्रिक इतिहास में नरेंद्र मोदी जी को मिला जनादेश भारत में परिवर्तन और प्रगति के लिए था। नवाचारों के जरिए राष्ट्रीय पुनर्निर्माण कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल भारतीय लोकतंत्र में कालजयी बन गया है।
 
(लेखक, लोकसभा सांसद एवं मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं।)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सेवा, सुशासन और विकास को समर्पित मोदी सरकार