नार्सिसिज्म, अपने सौन्दर्य पर आसक्ति की हद तक मुग्धता

शांति कुमार टेंग्शे
सोमवार, 22 जून 2020 (14:07 IST)
मनोविज्ञान में एक शब्द आता है नार्सिसिज्म, जो एक विशिष्ट मानसिक स्थिति या कहें तो विकृति का बोध कराता है, जहां व्यक्ति स्वयं अपने रूप सौंदर्य पर आसक्ति की हद तक मुग्ध रहता है। शब्दकोश में आत्ममुग्धता, आत्मरति, स्वकामासक्ति आदि शब्द इसके हिन्दी पर्यायवाची बताए गए हैं। और व्यापक परिभाषा के अनुसार मनोविज्ञान में इसे एक प्रकार का व्यक्तित्व विकार (पर्सनॉलिटी डिसऑर्डर) माना जाता है और ऐसे विकारग्रस्त व्यक्ति को नार्सिसिस्ट कहा जाता है।
 
ग्रीक पौराणिक कथाओं में लिरिओपे नामक अप्सरा व नदी के देवता सिफिसस के पुत्र के रूप में नार्सिसस का वर्णन मिलता है। युवा नार्सिसस अनिद्य सौंदर्य का स्वामी था जिसे देखकर लोग अवश उसके प्रति आकर्षित हो जाते थे। उसे किंतु दुनिया में कोई भी आकर्षक नहीं लगता था और परिणामस्वरूप वह जहां भी जाता, अनगिनत युवतियों व युवाओं के दिल टूट जाते।
ALSO READ: घुमक्कड़ी का आनंद
नार्सिसस की मां को एक भविष्यवक्ता ने बतलाया था कि यदि यह युवक अपने आपको जान नहीं पाया तो लंबी आयु का स्वामी होगा। लेकिन उस समय उसे उनकी बात कुछ समझ नहीं आई। आगे चलकर एक दिन जब नार्सिसस ने एक झील के जल में अपना प्रतिबिम्ब देखा तो वह उसके प्रति आसक्त हो उठा। वह बार-बार उस प्रतिबिम्ब को निर्निमेष देखता रहता।
 
एक बार जब नार्सिसस अपने प्रतिबिम्ब का चुंबन लेने जल की ओर झुका तो उसके होंठों के स्पर्श से विचलित लहरों ने उस प्रतिबिम्ब को मिटा दिया। उस छवि को पुन: प्राप्त करने के प्रयास में झील में डूबकर उसकी मृत्यु हो गई। झील के किनारे जहां उसका मृत शरीर गिरा, वहां एक बहुत सुंदर फूल उगा जिसे दुनिया ने नार्सिसस (नरगिस) या डेफोडिल्स नाम से जाना।
 
इसी कथा को आगे बढ़ाते हुए ब्राजील के गीतकार और उपन्यासकार पाउलो कोएल्हो ने अपने पुर्तगाली उपन्यास 'द अल्केमिस्ट' की प्रस्तावना में वर्णन किया है कि नार्सिसस की मृत्यु के समाचार से चारों ओर शोक व्याप्त हो गया और वन कन्याएं अपना शोक व्यक्त करने और उसे श्रद्धांजलि देने उस झील के किनारे एकत्रित हुईं।
ALSO READ: जीवन में आनंद, सुख और प्रसन्नता चाहिए तो अपनाएं ये 20 बातें
रोते-रोते बदहाल वन कन्याओं ने प्यास लगने पर झील का पानी पीना चाहा तो उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ कि उसका अमृत जैसा मीठा जल समुद्र के पानी जैसा खारा हो गया है। झील से उन्होंने इसका कारण पूछा तो उसने बतलाया कि नार्सिसस की याद में निकले उसके आंसुओं ने उसके जल को खारा बना दिया है।
 
वन कन्याएं बोलीं, नार्सिसस के लिए हमारी तरह तुम्हारा भी व्याकुल होना नितांत साहजिक है। वह तो था ही इतना सुंदर व रूपवान कि सारी प्रकृति ही उस पर मोहित रहती थी। इस पर झील ने पूछा कि क्या नार्सिसस सचमुच सुंदर था? चकराकर वे बोलीं कि कैसी अजीब बात कर रही हो? वह तो सारा सारा दिन तुम्हारे जल में ही अपना प्रतिबिम्ब देखा करता था, उसके सौंदर्य के बारे में तुमसे अधिक कौन जानेगा?
 
झील ने तब बतलाया कि नार्सिसस के रूप की ओर तो मैंने कभी ध्यान ही नहीं दिया। मैं तो उसकी आंखों में अपनी छवि देखकर अपने ही रूप पर मोहित रहती थी, जो अब संभव नहीं रह गया है।
 
कथा कैसी भी व्यथित करने वाली हो, एक और तथ्य भी इससे जुड़ा है कि विश्व की कई सभ्यताओं में जल में अपना प्रतिबिम्ब देखना अशुभ माना जाता है। चाणक्य नीति में भी पानी में मुंह देखना निषिद्ध बताया गया है। वर्णाश्रम धर्म में ब्रह्मचारी के गुरुकुल की शिक्षा पूर्ण होने पर स्नातक बनकर गृहस्थाश्रम में प्रवेश करने की प्रक्रिया को समावर्तन कहा गया है। स्नातकों के लिए निर्धारित सामान्य नियमों में भी जल में परछाईं देखना निषिद्ध माना गया है।
 
अस्तु, इन मान्यताओं के पीछे छुपे कारण अलग अध्ययन के विषय हैं। इसके अतिरिक्त इस तथ्य की ओर भी हमें ध्यान देना चाहिए कि जैसा जो कुछ दुनिया में हमें दिखाई देता है, उसके परे भी ऐसा बहुत कुछ होता है, जो हम देख नहीं पाते। हमें यह भी बोध होता है कि सर्वशक्तिमान परमात्मा के बनाए इस स्थूल व सूक्ष्म जगत के व्यवहार के बारे में हमारा ज्ञान कितना सीमित है और ईश्वर की इस सत्ता में मनुष्य कितना नगण्य है! (इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण 'वेबदुनिया' के नहीं हैं और 'वेबदुनिया' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

धनतेरस सजावट : ऐसे करें घर को इन खूबसूरत चीजों से डेकोरेट, आयेगी फेस्टिवल वाली फीलिंग

Diwali 2024 : कम समय में खूबसूरत और क्रिएटिव रंगोली बनाने के लिए फॉलो करें ये शानदार हैक्स

फ्यूजन फैशन : इस दिवाली साड़ी से बने लहंगे के साथ करें अपने आउटफिट की खास तैयारियां

अपने बेटे को दीजिए ऐसे समृद्धशाली नाम जिनमें समाई है लक्ष्मी जी की कृपा

दिवाली पर कम मेहनत में चमकाएं काले पड़ चुके तांबे के बर्तन, आजमाएं ये 5 आसान ट्रिक्स

सभी देखें

नवीनतम

दिवाली के शुभ अवसर पर कैसे बनाएं नमकीन हेल्दी पोहा चिवड़ा, नोट करें रेसिपी

दीपावली पार्टी में दमकेंगी आपकी आंखें, इस फेस्टिव सीजन ट्राई करें ये आई मेकअप टिप्स

diwali food : Crispy चकली कैसे बनाएं, पढ़ें दिवाली रेसिपी में

फेस्टिवल ग्लो के लिए आसान घरेलू उपाय, दीपावली पर दें त्वचा को इंस्टेंट रिफ्रेशिंग लुक

क्या आपको भी दिवाली की लाइट्स से होता है सिरदर्द! जानें मेंटल स्ट्रेस से बचने के तरीके

अगला लेख