भारतीय महिला फिल्म डायरेक्टर की पहली फिल्म 'अरेंज टू लव' को मिला हॉलीवुड में अवॉर्ड

Webdunia
- शकील अख़्तर 
 
इन दिनों अमेरिका में हिन्दुस्तान की एक महिला फिल्म निर्देशक और प्रोड्यूसर डॉ. रानू सिन्हा सुर्खियों में है। वजह है उनकी पहली हॉलीवुड शॉर्ट फिल्म ‘अरेंज टू लव’ को मिला बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड। ये अवॉर्ड 25 सालों से सेन फ्रांसिस्को में विश्व फिल्म उत्सव के लिए मशहूर फॉग मूवी फेस्ट, सिलिकॉन वैली (FESTIVAL OF GLOBE) ने दिया है। फॉग मूवी फेस्ट के संस्थापक डॉ. रोमेश जापरा ने खुद इस फिल्म की प्रशंसा की है और 'रेड कारपेट' से नवाज़ा है। 
‘अरेंज टू लव’ की मल्टीकल्चर लव और रिलेशनशिप से जुड़ी कहानी ने कई फिल्म समीक्षकों का ध्यान भी अपनी तरफ़ खींचा है। यह फिल्म भारत से अमेरिका जाकर बसे प्रोफेशनल्स के साथ ही अमेरिका और बाकी देशों से यहां की ग्लोबल कम्युनिटी का हिस्सा बने लोगों की ज़िंदगी की एक नई तस्वीर पेश करती है तथा यह बताती है कि तमाम विभिन्नताओं के बावजूद कैसे यह नई ग्लोबल कम्युनिटी एक-दूसरे के साथ आगे बढ़ती और बसर करती है। 
 
डॉ. रानू ने इस फिल्म का लेखन और निर्देशन किया है। निर्देशन में उन्हें हॉलीवुड की डायरेक्टर लियानी अरेनज़ाना का भी सहयोग मिला है। रानू मूल रूप से जमशेदपुर की रहने वाली हैं। कैलीफोर्निया में वो सोशियोलॉजी की प्रोफेसर रह चुकी हैं। दो हज़ार से ज़्यादा स्टूडेंट्स को पढ़ा चुकी हैं। उनके बीच रहते हुए ही उन्हें इस फिल्म का आइडिया आया। 
 
उन्होंने इस फिल्म की कहानी लिखी, स्क्रीन प्ले तैयार किया। स्टूडेंट्स, टीचर्स, प्रोफेशनल्स और दोस्तों की एक एक्टिंग टीम बनाई और अपने ही प्रॉडक्शन हाउस ग्लैमर एलएलसी (GlamR LLC) के बैनर तले इस फिल्म का निर्माण कर डाला! फिल्म के निर्माण में आईसीसी, इंडियन कम्युनिटी सेंटर का भी उन्हें सहयोग मिला जिसके प्रति भी वे विशेष आभार जताती हैं। 
 
दिल्ली में जल्द होंगे फिल्म के शोज़  : खास बात ये भी है कि जल्द ही दिल्ली में इस फिल्म के दो शोज़ होने की संभावना है। डॉ. रानू के मुताबिक, अरेंज टू लव के दो शोज़ दिल्ली युनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में नवंबर के महीने में तय किए जा रहे हैं। इनके प्रदर्शनों को लेकर उनकी पूरी टीम उत्साह से भरी हुई है। हालांकि 22 मिनट की यह शॉर्ट फिल्म Vimeo.com पर भी प्रदर्शित की गई है। 
 
क्या है 'अरेंज टू लव' की मल्टीकल्चर स्टोरी  : 'अरेंज टू लव' 5 ऐसे दोस्तों की कहानी है, जो अलग-अलग बैकग्राउंड और संस्कृतियों से वास्ता रखते हैं। फिल्म स्टैनफोर्ड में पढ़ी-लिखी एक एडवोकेट रमोना से शुरू होती है, जो कैलिफोर्निया में रहती हैं। रमोना के पैरेंट्स चाहते हैं कि वो अपना घर बसा ले। रमोना के सामने एक हैंडसम गुजराती इंजीनियर समीर शाह का प्रस्ताव रखा जाता है लेकिन अपनी वकालत के पेशे में व्यस्त रमोना ऐसी हालत में नहीं है कि वो शादी कर ले। 
 
वो इस परेशानी में है कि वो शादी करे या वकालत जारी रखे। ऐसी स्थिति में उसके साथी अफ्रीकन फिटनेस गुरु मारको और उसकी मैक्सिकन गर्लफ्रेंड नताशा सलाह देते हैं कि वो शादी न करे। वो उसे मार्को की साइकियाट्रिस्ट सिस्टर डॉ. निकोल के पास ले जाते हैं लेकिन साइकियाट्रिस्ट निकोल खुद हैंडसम गुजराती इंजीनियर समीर शाह को दिल दे बैठती है। अब कहानी ऐसे दिलचस्प मोड़ पर पहुंच जाती है, जहां पता लगता है कि भले ही आप किसी को पसंद न हों लेकिन वो दूसरे की चाहत हो सकता है! इसके बाद फिल्म रिश्तों के नए उतार-चढ़ावों से गुजरती है। 
ये दौर लिख रहा नए इंसानी ज़िंदगी की कहानी : डॉ. रानू कहती हैं, सालों से मैं अमेरिका की इंडियन और मल्टीकल्चर सोसाइटी का हिस्सा हूं। मैंने महसूस किया है कि आज का दौर नए रिश्तों और समाज की कहानी लिख रहा है। मैंने महसूस किया है कि भारत, अमेरिका या दूसरे देशों के कल्चर में बहुत-सी बातें अलग होकर भी बहुत समानताएं हैं। इन सबके बीच तालमेल बैठाकर चलना, एक-दूसरे की खूबियों के साथ जीना ही नए दौर की ज़िंदगी है। मैंने भी ऐसे ही माहौल में न सिर्फ जीना सीखा है, बहुत कुछ पाया भी है ताकि बेहतर रिश्ते बेहतर ज़िंदगी का सफ़र बन सके। 
 
यह फिल्म भारतीय, मैक्सिकन, अफ्रीकन, ब्रिटिश, जर्मन और अमेरिकंस संस्कृतियों के बीच कहीं है। अगर किरदार बदल भी जाएं तब भी स्थितियां वही रहती हैं। यह फिल्म भारतीय महिलाओं के प्रति पारंपरिक सोच को भी नई तरह से पेश करती है।
 
इरादे और भी हैं : डॉ. रानू सिन्हा : डॉ. रानू के मुताबिक, वे दुनिया के टैलेंट्स को अपनी फिल्मों में साथ लाने का इरादा रखती हैं। पहली ही फिल्म से मिली प्रतिक्रिया से वे काफी उत्साहित हैं। वे बताती हैं, मैं दो और प्रोजेक्टों पर काम शुरू कर चुकी हूं। इनमें से एक फॉग मूवी फेस्टिवल के सफ़र की जुबली फिल्म होगी। इसका प्रस्ताव खुद फॉग के संस्थापक डॉ. रोमेश जापरा ने दिया है। डॉ. जापरा अमेरिका के मशहूर हृदयरोग विशेषज्ञ हैं लेकिन वे सेन फ्रांसिस्को में इस फिल्म उत्सव के ज़रिए 25 सालों से दुनिया के मनोरंजन को शोकेस करने का बेमिसाल काम कर रहे हैं। मेरा दूसरा प्रोजेक्ट एक फुल लैंथ फीचर फिल्म है जिसका प्रॉडक्शन जारी है। इसे हॉलीवुड का ही नहीं, बॉलीवुड का भी सपोर्ट मिल रहा है।  ( लेखक भारत के सीनियर जर्नलिस्ट, राइटर और आर्टिस्ट हैं) 
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