कही-अनकही 17 : तुमको मायके जाना होगा न?

अनन्या मिश्रा
राखी आने में है और एना को ‘निर्देश’ मिले हैं कि चूंकि यह उसकी शादी के बाद की पहली राखी है, उसे सबके लिए अलग-अलग तोहफे लेने होंगे, चाहे आदि ख़ुद अपने भाई-बहनों के लिए ले या न ले। ऑफिस में दिन बिताने के बाद और शाम को मार्केट और मॉल में ढेर सारी खरीददारी करने के बाद वह घर लौटी है। 
 
वह चाहती है की पहला त्योहार है, सभी खुश रहें।  वह भी बहुत खुश है क्योंकि उसके मायके में भी तो यह उसकी ‘पहली राखी’ होगी! उसके पेरेंट्स ने घर पर सुबह-सुबह हवन रखा है, जो उसके परिवार की परंपरा है और घर की बेटी की शादी होने के बाद हर राखी पर किया जाता है। 
 
‘आदि, चूंकि दीदी मेरे घर के पास ही रहती है, हम राखी वाले दिन पहले उनके घर चल कर राखी बंधवा लेते हैं, फिर मेरे घर सुबह हवन है वहां जाना है। ’
 
‘क्यों? तुमको तुम्हारे घर क्यों जाना है? भाई को यहां बुलाओ। मैं भी तो दीदी को दोपहर में घर बुला रहा हूं। आखिर मेरा घर ही तो उनका मायका है।  वह ज्यादा ज़रूरी है। ’
 
‘ ठीक है आदि, दीदी को यहीं बुला लेते हैं। हवन सुबह है मेरे घर पर। मैं सुबह जल्दी जा कर दोपहर तक आ जाऊंगी। दीदी भी तो दोपहर में आ रही हैं।  यह उनका मायका है, मैं तब तक मेरे मायके हो कर आ जाऊंगी। ’
 
‘नहीं एना।  फिर दीदी के लिए खाना कौन बनाएगा? घर की साफ़-सफाई कौन करेगा? तुम तुम्हारे हवन का प्लान कैंसिल करो और दीदी के प्लान के हिसाब से प्रायोरिटी सेट करो। ’
 
खैर, एना ने अपने सारे प्लान कैंसिल कर दिए, वह मायके नहीं जा सकी और उसके पेरेंट्स बहुत दुखी भी हुए।  दीदी अपने मायके जा सकती है तो एना अपने मायके क्यों नहीं आ सकती? खैर, दीदी आयीं, सबने ख़ुशी से राखी मनाई।  लेकिन दीदी तो कुछ जानती ही नहीं थी...
 
‘अरे एना, तुमने क्यों इतना खर्चा किया? इतने सारे गिफ्ट्स क्यों ले कर आई? आदि ने दे दिया न? वह तुम दोनों की तरफ से है।  खैर, ये लो तुम्हारे लिए चॉकलेट बॉक्स लाए हैं।  ज्यादा मत खाना, मोटी हो जाओगी... हाहाहा । ’
 
आदि की दीदी को मालूम नहीं था कि एना क्यों अपने मायके नहीं जा सकी।  खैर, इतने में उन्हें उनके अंकल का फ़ोन आया, जिन्होंने आदि और दीदी को रात के खाने पर बुलाया था। 
 
‘एना, अभी अंकल का फ़ोन आया है और उन्होंने आदि और मुझे खाने पर बुलाया है। तुम्हें नहीं बुलाया उन्होंने क्योंकि उनका मानना है कि नई बहू को किसी ‘खास’ मौके पर बुलाएंगे। तो हम लोग निकलते हैं। .. तुमको भी तो मायके जाना होगा न? तुम भी निकल जाओ। ’
 
एना वहां स्तब्ध और आश्चर्य में डूबी खड़ी रही। देखती रही कि आदि तैयार हुआ, सामान उठाया, कैब बुक की और फ्लैट से निकल कर, लिफ्ट में दीदी को ले कर चला गया।  एना को ऐसे ही वहीं खड़ा छोड़ कर।  बिना पूछे कि वो अब क्या करेगी? क्या वो मायके जाएगी? कैसे जाएगी? कोई लेने आएगा या खुद कैब करेगी? उसके हवन का प्लान कैंसिल हुआ, रात होने आई, तो अब उसके पेरेंट्स दुखी होंगे? कैसे मनाएगी? पहली राखी का क्या करेगी? एना अपने मन में ही ये ‘कही-अनकही’ बातें सोचती रही और उधर आदि बस स्वार्थ, छल-कपट, संवेदनहीन और अमानुषीय व्यवहार के साथ अपना काम निकाल कर, अपनी ‘प्रायोरिटी’ ले कर चला गया । 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Teachers Day 2025: 5 सितंबर शिक्षक दिवस एंकरिंग/मंच संचालन स्क्रिप्ट हिंदी में

घर में सुख-समृद्धि के लिए 10 ज्योतिष टिप्स और उपाय

Essay on Teachers Day: ज्ञान के प्रकाश स्तंभ और राष्ट्र निर्माता सम्माननीय शिक्षकों की भूमिका पर आदर्श निबंध

Women after 40: हड्डियों से लेकर हार्मोन तक, 40 की उम्र के बाद महिलाओं को चाहिए ये 5 सप्लीमेंट्स

चतुर्थी 2025 प्रसाद रेसिपी: श्रीगणेश का प्रिय भोग उकडीचे मोदक कैसे बनाएं, अभी नोट करें आसान तरीका

सभी देखें

नवीनतम

Monsoon health tips: सावधान! बारिश में बीमारियों के खतरे से कैसे बचाएं खुद को, ये लक्षण दिखें तो ना करें नजरअंदाज

भारत, रूस और चीन देंगे महाशक्ति को टक्कर

Poem on Hindi Diwas: हिंदी भाषा का गुणगान करती इस कविता को सुनाकर खूब मिलेगी तारीफ

Most educated person in india: डॉक्टर, IPS, IAS के साथ 20 से ज्यादा डिग्रियां, जानिए कौन हैं भारत के सबसे पढ़े-लिखे व्यक्ति

Abhinav Arora: कथा बांचने वाले रीलबाज अभिनव अरोड़ा घूम रहे करोड़ों की पोर्शे कार में, जमकर मिली माया, राम जी का पता नहीं

अगला लेख