Nagchandreshwar Temple : उज्जैन में महाकाल मंदिर के उपरी हिस्से में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर बहुत ही अद्भुत है। वर्ष में एक बार यानी नागपंचमी के दिन यह खुलता है। यहां पहुंचने के लिए मंदिर में ही पहले छोटी और संकरी सीढ़ियों का उपयोग किया जाता था। परंतु अब यहां पर पहुंचने के लिए अलग से एक पैदल पुल का निर्माण कर दिया गया है।
वर्ष में एक दिन सिर्फ नागपंचमी पर 24 घंटों के लिए पट खुलने वाले श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर पर पैदल पुल का निर्माण पूर्ण हो गया है, इससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असानी रहेगी। इस बार 2 अगस्त 2022 मंगलवार को यह पर्व है। उज्जैन स्थित महाकालेश्वर के शीखर के नीचे स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर वर्ष में एक बार ही खुलता है।
नागचंद्रेश्वर मंदिर उज्जैन :
- नागचंद्रेश्वर का जो की उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है।
- इसकी खास बात यह है कि यह मंदिर साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी पर ही दर्शनों के लिए खोला जाता है।
- ऐसी मान्यता है कि नागराज तक्षक स्वयं मंदिर में रहते हैं।
- इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां पर शिवजी शिवजी, गणेशजी और मां पार्वती के साथ दशमुखी सर्प शय्या पर विराजित हैं।
- शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है।
- नागचंद्रेश्वर मंदिर में 11वीं शताब्दी की एक अद्भुत प्रतिमा है, इसमें फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती बैठे हैं।
- कहते हैं यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है।
- पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें विष्णु भगवान की जगह भगवान भोलेनाथ सर्प शय्या पर विराजमान हैं।