गुरु नानक का प्रकाशोत्सव, जानिए कैसे मनाएं यह पर्व...

Webdunia
गुरुनानक देव जी का प्रकाशोत्सव पर्व 4 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा। बचपन से ही प्रखर बुद्धिवाले नानक देव सिख धर्म के संस्थापक हैं। बचपन से ही उनका मन धर्म और अध्यात्म में लगता था। उन्होंने भारतसहित अनेक देशों की यात्राएं कर धार्मिक एकता के उपदेशों और शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार कर दुनिया को जीवन का नया मार्ग बताया। प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर गुरु नानक जयंती मनाई जाती है।
 
गुरु नानक का यह प्रकाशोत्‍सव, पर्व यूं तो पवित्र भावनाओं के साथ मनाया जाने वाला उत्‍सव है। प्रकाशोत्‍सव के दिन किस तरह से परंपराओं का निर्वाह किया जाए, कैसे इस उत्‍सव को मनाया जाए। आइए जानते हैं... 
 
गुरु नानक जयंती के दिन प्रभात बेला में क्या करें : 
 
* गुरु नानकदेवजी के प्रकाशोत्सव पर सर्वप्रथम प्रातःकाल स्नानादि करके पांच वाणी का 'नित नेम' करें।
 
* स्वच्छ वस्त्र पहनकर गुरुद्वारा साहिब जाएं और मत्था टेकें।
 
* गुरु स्वरूप सात संगत के दर्शन करें।
 
* गुरुवाणी, कीर्तन सुनें।
 
* गुरुओं के इतिहास का श्रवण करें।
 
* सच्चे दिल से अरदास सुनें।
 
* संगत व गुरुघर की सेवा करें।
 
* गुरु के लंगर में जाकर सेवा करें। 
 
* अपनी सच्ची कमाई में से 10वां हिस्सा धार्मिक कार्य व गरीबों की सेवा के लिए दें।
 
तीन बातों का पालन अवश्य करें :- 
 
गुरु नानक ने सच्चे सिख के लिए यानी अपने शिष्यों से तीन मुख्य बातों का पालन करने के लिए कहा है। 
 
* ईश्वर का नाम जपें
 
* सच्ची कीरत (कमाई) करें।
 
* गरीब मार नहीं करें। (दान करें)
 
रात्रि में क्या करें :- 
 
गुरु नानकदेवजी का जन्म रात्रि लगभग 1 बजकर 40 मिनट पर हुआ था। अतः इसके लिए रात्रि जागरण किया जाता है। इसके लिए निम्न कार्य करें :- 
 
* रात को पुनः दीवान सजता है अतः वहां कीर्तन, सत्संग आदि करें।
 
* गुरु महाराज के प्रकाश (जन्म) के समय फूलों की बरखा एवं आतिशबाजी करें।
 
* जन्म के बाद सामूहिक अरदास में शामिल हों।
 
* कड़ा-प्रसाद लें व एक-दूसरे को बधाई दें।

ALSO READ: गुरु नानक देवजी के अवतरण दिवस पर विशेष
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

सभी देखें

धर्म संसार

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह में आ रही अड़चन, तो आज ही धारण करें ये शुभ रत्न, चट मंगनी पट ब्याह के बनेंगे योग

अगला लेख