केदारनाथ धाम में सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए गए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए एलआईयू के जवानों की भी तैनाती यहां कर दी गई है। यात्रा में सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन फिलहाल पैदल यात्रा मार्ग पर मात्र सुबह 5 बजे से 12 बजे तक ही श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति दे रहा है।
केदारनाथ यात्रा शुरू होने के बावजूद केदारनाथ में यात्रियों के लिए प्रीफेब्रिकेटेड हट्स नहीं बन पाने से इंतजामों की पोल एक बार फिर खुल गई है। हालांकि प्रशासन ने यहां बर्फ के बीच टैंट लगाकर तीर्थयात्रियों के ठहरने का इंतजाम किया है तथापि प्रीफेब्रिकेटेड हट्स में जो सुविधाएं मिलतीं हैं वे तीर्थयात्रियों को नहीं मिल रही हैं। इससे असुविधाओं का एहसास होना लाजमी है।
केदारनाथ यात्रा मार्ग में तबाही के बाद रास्तों के अब तक भी न बन पाने से यात्रियों को तकलीफें उठानी पड़ रही हैं। हालांकि केदारनाथ मार्ग में लिंचौली से तीर्थयात्रियों को निःशुल्क हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराने के दावे हवाई साबित हुए, लेकिन डांडी कांडी और घोड़े खच्चर भी इस क्षेत्र से पर्याप्त मात्रा में न मिलने से यात्री काफी नाराज दिखे।
तीर्थयात्रियों का कहना है कि प्रचार तो यह कि जा रहा था कि लिंचौली से निशुल्क हैलीकाप्टर सेवा होगी साथ ही डांडी कांडी और खच्चर भी उपलब्ध कराए जाएंगे, लेकिन यहां ऐसा नहीं है। कोलकाता से आए एक बुजुर्ग यात्री ने कहा कि लिंचौली से केदारनाथ पहुंचना अब भी काफी मुश्किल भरा है। यह दूरी जो 19 किलोमीटर है, इसे तय करने के लिए कुछ न कुछ सहारा जरूर उपलब्ध होना चाहिए।